अध्यक्ष डीवाई चंद्रचूड़ ने थामी सुप्रीम कोर्ट से विदाई, AVP गंगा में जानें उनके फेयरवेल स्पीच से मोहब्बत और मांगों से भरपूर कहानी

डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्ति के अदालत में मौजूद वकीलों और अन्य लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कभी दुख पहुंचा हो तो मुझे माफ करे।

Dec 25, 2024 - 00:02
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अध्यक्ष डीवाई चंद्रचूड़ ने थामी सुप्रीम कोर्ट से विदाई, AVP गंगा में जानें उनके फेयरवेल स्पीच से मोहब्बत और मांगों से भरपूर कहानी
अध्यक्ष डीवाई चंद्रचूड़ ने थामी सुप्रीम कोर्ट से विदाई, AVP गंगा में जानें उनके फेयरवेल स्पीच से मोहब्बत और मांगों से भरपूर कहानी

अध्यक्ष डीवाई चंद्रचूड़ की सुप्रीम कोर्ट से विदाई

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष डीवाई चंद्रचूड़ ने एक भावपूर्ण विदाई समारोह के दौरान सुप्रीम कोर्ट से अपनी विदाई ली। यह समारोह न केवल न्यायपालिका के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए भी महत्वपूर्ण था। इस अवसर पर उन्होंने अपनी यात्रा, अनुभव और भविष्य की चुनौतियों के बारे में एक प्रेरणादायक स्पीच दी। News by AVPGANGA.com के माध्यम से हम आपको उनकी विदाई स्पीच की महत्वपूर्ण बातें और उनके द्वारा व्यक्त की गई मोहब्बत और मांगों की कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं।

डीवाई चंद्रचूड़ का अद्वितीय योगदान

डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जो भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न मौलिक प्रश्नों पर अपने विचार रखे और ऐसे कई मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय दिए जो समाज के विभिन्न वर्गों को प्रभावित करते हैं। उनके नेतृत्व में, सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए जो न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थे बल्कि समाज में समानता और न्याय की भावना को भी बढ़ाते हैं।

स्पीच की महत्वपूर्ण बातें

अध्यक्ष चंद्रचूड़ ने अपनी विदाई स्पीच में कहा, “सुप्रीम कोर्ट एक ऐसा मंच है जहां हर व्यक्ति की आवाज़ सुनी जाती है। यह मेरा सौभाग्य था कि मैंने इस महान संस्थान का हिस्सा बनकर न्यायपालिका की सेवा की।” उनकी बातें सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग भावुक हो गए। उन्होंने अपनी स्पीच में अपने सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि उनका समर्थन हमेशा उनके साथ रहा।

भविष्य की चुनौतियाँ

यहां तक कि विदाई समारोह में, उन्होंने न्यायपालिका की चुनौतियों के बारे में भी बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखा जा सके। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में नई प्रौद्योगिकियों और बदलते समाज के साथ न्यायपालिका को कैसे अनुकूलित किया जाना चाहिए।

डीवाई चंद्रचूड़ की विदाई ने न केवल सुप्रीम कोर्ट को बल्कि पूरे देश को प्रभावित किया है। उनका समर्पण, विदाई स्पीच, और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे हमें सिखाते हैं कि न्यायपालिका का काम सिर्फ कानून के चार दीवारी में सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए न्याय सुनिश्चित करने का है।

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संक्षेप में

डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट से विदाई लेते समय जो बातें कहीं, वे हमें यह याद दिलाती हैं कि न्याय और समानता की दिशा में हम सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने अपनी विदाई में प्यार, समर्पण और जिम्मेदारी की बातें साझा की, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी। keywords: डीवाई चंद्रचूड़ विदाई, सुप्रीम कोर्ट अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट फेयरवेल स्पीच, न्यायपालिका की जिम्मेदारियाँ, भारतीय न्यायपालिका के फैसले, डीवाई चंद्रचूड़ कहानी, AVP गंगा समाचार, सुप्रीम कोर्ट इतिहास, न्याय और समानता की बातें, भारतीय न्याय प्रणाली की चुनौतियाँ

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