इस साल FPI पड़े सुस्त, कम आया निवेश, 2025 के लिए क्या हैं संकेत?
वर्ष 2024 में जनवरी, अप्रैल, मई, अक्टूबर और नवंबर महीनों में एफपीआई बिकवाल रहे। 2024 में एफपीआई प्रवाह में भारी गिरावट वैश्विक तथा घरेलू कारकों के कारण हुई।
इस साल FPI पड़े सुस्त, कम आया निवेश, 2025 के लिए क्या हैं संकेत?
News by AVPGANGA.com - इस वर्ष, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार में अपेक्षित निवेश नहीं किया है। आर्थिक अवरोध, बाजार की अस्थिरता, और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के चलते FPI में कमी आई है। यह निवेशकों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि भारतीय शेयर बाजार को FPI द्वारा दी जाने वाली समर्थन की जरूरत है।
FPI में आई गिरावट के कारण
विभिन्न कारकों ने इस साल FPI के स्तर को प्रभावित किया है। इन कारकों में वैश्विक आर्थिक slowdown, बढ़ते ब्याज दर, और मुद्रा का उतार-चढ़ाव शामिल हैं। हकीकत यह है कि बाजार में अनिश्चितता ने विदेशी निवेशकों को संकोच में डाल दिया है, जिसके चलते उनके द्वारा भारत में निवेश का स्तर घट गया है।
2025 के लिए संभावनाएँ
हालांकि यह साल FPI के लिए सुस्त रहा है, लेकिन 2025 के लिए संकेत सकारात्मक हो सकते हैं। यदि सरकार द्वारा दी गई नीतियों में सुधार किया जाता है और वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, तो संभावित रूप से FPI का प्रवाह बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की वृद्धि दर, और डिजिटल अर्थव्यवस्था की वृद्धि निवेशकों को आकर्षित कर सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और संभावित निवेश के विकल्पों पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। आर्थिक विकास के संकेतों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें ध्यानपूर्वक निवेश निर्णय लेना चाहिए।
भारत में FPI की वृद्धि के लिए एक स्वस्थ आर्थिक माहौल, नीति सुधार, और स्थिरता की आवश्यकता है। इस संदर्भ में निवेश को लेकर सतर्क रहना और सही समय पर व्यवसायिक निर्णय लेना महत्वपूर्ण होगा।
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