मंदिर के बाद 150 साल पुरानी बावड़ी की खोज, खुदाई के दौरान मिली दो क्षतिग्रस्त मूर्तियां
संभल जिले के चंदौसी में अब प्राचीन बावड़ी भी निकल कर सामने आई है, जो लगभग 150 साल पुरानी है और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है।
मंदिर के बाद 150 साल पुरानी बावड़ी की खोज
हाल ही में एक महत्वपूर्ण खोज के तहत, पुरातत्ववेत्ताओं ने एक 150 साल पुरानी बावड़ी को खोज निकाला है। यह बावड़ी एक प्राचीन मंदिर के निकट स्थित है। खुदाई के दौरान इस बावड़ी से दो क्षतिग्रस्त मूर्तियां भी प्राप्त हुई हैं, जो इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ाती हैं।
खुदाई की प्रक्रिया
खुदाई की प्रक्रिया में विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सका कि बावड़ी और मूर्तियों को बिना किसी नुकसान के सुरक्षित किया जा सके। इस खोज ने न केवल ऐतिहासिक संदर्भ को उजागर किया है बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी सामने लाया है।
मूर्तियों का महत्व
जो मूर्तियां प्राप्त हुई हैं, वे स्थानीय परंपराओं और कलात्मक शिल्प की झलक देती हैं। मूर्तियों पर की गई नक्काशी और डिज़ाइन इस बात का प्रमाण है कि पूर्वजों ने कितनी भव्यता और ध्यान से इन्हें बनाया था। विशेषज्ञों का मानना है कि ये मूर्तियां एक बार फिर से इतिहास को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
स्थानीय संस्कृति पर प्रभाव
इस खोज ने न केवल पुरातात्त्विक महत्व को उजागर किया है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और पहचान को भी नए विचारों के साथ जोड़ने का कार्य किया है। क्षेत्र के उत्साही लोगों में इस तरह के अनुसंधान से जागरूकता और गर्व का भाव उत्पन्न हुआ है।
अंत में, यह उल्लेख करना आवश्यक है कि ऐसी खोजें न केवल इतिहास को उजागर करती हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित भी करती हैं। जानकारी के लिए, अधिक अपडेट देखने के लिए AVPGANGA.com पर जाएं।
News by AVPGANGA.com Keywords: 150 साल पुरानी बावड़ी की खोज, बावड़ी के बारे में जानकारी, क्षतिग्रस्त मूर्तियां, पुरातात्त्विक खोज, मंदिर के निकट बावड़ी, भारतीय संस्कृति और धरोहर, खुदाई की प्रक्रिया, सांस्कृतिक महत्व
What's Your Reaction?