AVP Ganga: सर्राफा कारोबारियों के लिए नई खबर, ज्वेलरी के बाद अब सोने के सिक्कों पर होगी हॉलमार्किंग
Hallmarking of gold coins : 40 करोड़ से अधिक स्वर्ण आभूषणों को एक विशिष्ट एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) के साथ हॉलमार्क किया जा चुका है, जिससे बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विश्वास और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है।
AVP Ganga: सर्राफा कारोबारियों के लिए नई खबर
सर्राफा कारोबारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। ज्वेलरी के बाद अब सोने के सिक्कों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी। यह कदम सोने की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने और ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद देने के लिए उठाया गया है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ज्वेलर्स (FAIJ) के अध्यक्ष ने इस नई पहल की पुष्टि की है।
हॉलमार्किंग की आवश्यकता
भारत में ज्वेलरी के हॉलमार्किंग के बाद अब सोने के सिक्कों का भी हॉलमार्क करना आवश्यक बना दिया गया है। हॉलमार्किंग का मतलब है कि सोने या चांदी के आभूषण या सिक्के में वास्तविकता और गुणवत्ता का प्रमाण है। इससे ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी और बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
सोने के सिक्कों पर हॉलमार्किंग के फायदे
सोने के सिक्कों पर हॉलमार्किंग के कई फायदे हैं। यह न केवल ग्राहकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि कारोबारियों के लिए भी बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है। सही गुणवत्ता का सोना ग्राहकों को आकर्षित करता है, जिससे व्यवसाय को लाभ होता है। इसके अलावा, हॉलमार्किंग से सरकारी रिकॉर्ड और टैक्स व्यवस्था में भी सुधार हो सकता है।
उपभोक्ता जागरूकता
सरकार और उद्योग समर्थकों का मानना है कि हॉलमार्किंग के माध्यम से उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। इससे लोग सोने के सिक्कों और ज्वेलरी के निष्पक्ष मूल्य को समझ पाएंगे। ऐसे में उपभोक्ताओं का विश्वास भी दुकानदारों पर बढ़ेगा।
निष्कर्ष
इस नई नीति का उद्देश्य न केवल ग्राहकों की सुरक्षा करना है, बल्कि सोने के कारोबार में भी एक स्थिरता लाना है। इसलिए, सभी सर्राफा कारोबारियों को इस बदलाव को गंभीरता से लेना चाहिए और अपनी तैयारी में जुट जाना चाहिए।
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