AVPGanga: सरकार के लिए बड़ी राहत, पहली छमाही में घटकर 4.74 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर छमाही में केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के लिए नेट टैक्स रेवेन्यू 12.65 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 49 प्रतिशत था। सितंबर, 2023 के अंत में नेट टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन 49.8 प्रतिशत था।
AVPGanga: सरकार के लिए बड़ी राहत, पहली छमाही में घटकर 4.74 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा
भारत की आर्थिक स्थिति में हालिया बदलावों ने सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राहत का संकेत दिया है। इस साल की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा 4.74 लाख करोड़ रुपये तक घट गया है, जो कि पिछले साल की तुलना में एक महत्वपूर्ण कमी दर्शाता है। यह आंकड़ा 2023-24 की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। News by AVPGANGA.com
राजकोषीय घाटा क्या है?
राजकोषीय घाटा उस अंतर को दर्शाता है, जो एक सरकार की कुल आमदनी और खर्च में होता है। जब सरकार का खर्च उसकी आय से अधिक होता है, तब यह घाटा उत्पन्न होता है। यदि इस घाटे को नियंत्रित किया जाता है तो यह देश के लंबी अवधि के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
घाटे में गिरावट का महत्व
राजकोषीय घाटे में गिरावट से सरकार को कई फायदे मिल सकते हैं। यह न केवल आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है, बल्कि यह निवेश और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए सकारात्मक वातावरण भी तैयार करता है। जब सरकार का घाटा कम होता है, तो वह अधिक संसाधनों को विकासात्मक कार्यों में निवेश कर सकती है।
आने वाले वित्तीय वर्ष की संभावनाएँ
जैसे-जैसे सरकार घाटे को कम करने में सफल होती है, अगले वित्तीय वर्ष में राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो भारत की आर्थिक वृद्धि की गति में भी वृद्धि हो सकती है।
निष्कर्ष
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के लिए यह राहत की खबर है, जो सरकार की आर्थिक नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन का प्रतीक है। इस कमी के पीछे की रणनीतियों और नीतियों पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि भविष्य में स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके। News by AVPGANGA.com के माध्यम से आपको नवीनतम अपडेट मिलते रहेंगे।
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