तबलावादक जाकिर हुसैन की मौत पर पीएम मोदी ने जताया शोक, लिखा- 'वह सांस्कृतिक एकता के स्तंभ थे'

पीएम मोदी ने उस्ताद जाकिर हुसैन की मौत पर दुख जाहिर करते हुए लिखा कि वह हमेशा ही नई पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान जाकिर हुसैन का निधन हो गया।

Dec 25, 2024 - 00:02
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तबलावादक जाकिर हुसैन की मौत पर पीएम मोदी ने जताया शोक, लिखा- 'वह सांस्कृतिक एकता के स्तंभ थे'
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तबलावादक जाकिर हुसैन की मौत पर पीएम मोदी ने जताया शोक

जानेमाने तबलावादक और संगीतकार जाकिर हुसैन का निधन कई संगीत प्रेमियों और कला के शौकीनों के लिए एक गहरा सदमा है। उनके अद्वितीय योगदान और संगीत कला ने भारतीय संगीत को नया आयाम दिया। उनके प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, 'वह सांस्कृतिक एकता के स्तंभ थे।' इस दुखद घटना ने न केवल भारतीय संगीत को बल्कि देश के सांस्कृतिक घटनाक्रम को भी प्रभावित किया है।

जाकिर हुसैन का योगदान

जाकिर हुसैन ने अपने जीवन में संगीत को एक नई पहचान दी। उन्होंने न केवल तबला वादन में महारत हासिल की, बल्कि विश्व स्तर पर भारतीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कला में संयोजन, अभिव्यक्ति और गहराई थी, जिसने उनके प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जाकिर हुसैन ने कई प्रमुख संगीत समारोहों में प्रदर्शन किया और विश्व स्तर पर भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया।

पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने जाकिर हुसैन के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि उनके द्वारा व्यक्त की गई संगीत की भावना न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में गूंजती रहेगी। उन्होंने कहा, 'खासकर युवा कलाकारों के लिए, उनकी यात्रा एक प्रेरणा रहेगी।' उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा।

सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

जाकिर हुसैन केवल एक संगीतकार नहीं थे; वे सांस्कृतिक एकता के प्रतीक थे। उनका संगीत विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने का एक माध्यम रहा है। उन्होंने अपने कार्यों से यह साबित किया कि कैसे संगीत एक वैश्विक भाषा हो सकता है, जो विभाजन को समाप्त कर सकता है। उनकी इस विशेषता के कारण उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले।

जाकिर हुसैन की याद में, संगीत के प्रशंसक कई श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। उनकी कला और व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने के लिए संगीतकार और कलाकार एक साथ आ रहे हैं। यह समय उनके योगदान को याद करने और उनके संगीत की विरासत को आगे बढ़ाने का है।

आइए हम सभी जाकिर हुसैन के यात्रा को याद करें और उनके योगदान को सलाम करें। यह उनके संगीत को जीवित रखने का समय है। और जैसे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, उनका संगीत सदैव हमारे दिलों में बसा रहेगा।

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