मानवाधिकार दिवस पर ISKCON ने UNHRC को दिखाया आईना, बांग्लादेश मामले पर जानें क्या कहा
दुनिया भर में आज मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर इस्कॉन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बांग्लादेश के मामले का संज्ञान लेने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर दुख भी व्यक्त किया है।
मानवाधिकार दिवस पर ISKCON ने UNHRC को दिखाया आईना
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परिचय
हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, जो मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस वर्ष, ISKCON (International Society for Krishna Consciousness) ने इस अवसर पर UNHRC (United Nations Human Rights Council) को बांग्लादेश में हो रही मानवाधिकारों की उल्लंघन के मुद्दे पर एक सख्त संदेश दिया।
बांग्लादेश के मानवाधिकारों की स्थिति
बांग्लादेश में धार्मिक और नागरिक स्वतंत्रताओं के उल्लंघन की समस्या लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। ISKCON ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाए। UNHRC से अपील की गई कि वह स्थानीय अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय, की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
ISKCON का बयान
ISKCON ने अपनी बयान में कहा है कि "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए और सभी सामुदायिक समूहों को समान अधिकार प्राप्त हों।" उनका यह मानना है कि बांग्लादेश में चल रही घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
आगे की दिशा
ISKCON ने UNHRC को आग्रह किया कि वह बांग्लादेश में मानवाधिकारों की स्थिति की जांच करे और उचित कार्यवाही करे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी देश में मानवाधिकारों का उल्लंघन एक वैश्विक चिंता का विषय है और इसे प्राथमिकता से संबोधित किया जाना चाहिए।
अंतिम शब्द
इस मानवाधिकार दिवस पर ISKCON का कदम वास्तव में एक मजबूती का प्रतीक है, जो यह दर्शाता है कि धार्मिक और सामाजिक संगठन भी मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से आगे आ रहे हैं। वास्तव में, UNHRC को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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