वाजपेयी की 100वीं जयंती पर देहरादून में विशेष कार्यक्रम, CM पुष्कर धामी और रजत शर्मा रहे मौजूद
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। आज उनकी 100वीं जयंती है। इस मौके पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
वाजपेयी की 100वीं जयंती पर देहरादून में विशेष कार्यक्रम
वर्ष 2024 भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इस वर्ष भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर देहरादून में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मशहूर पत्रकार रजत शर्मा ने भाग लिया।
कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बातें
इस कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा और उनके योगदान को याद किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी का जीवन हमें एक प्रेरणा देता है कि हम अपने देश के प्रति निस्वार्थ भाव से सेवा करें। इस मौके पर रजत शर्मा ने भी वाजपेयी के साथ बिताए गए समय के बारे में कुछ मजेदार किस्से साझा किए।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन
इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण सांस्कृतिक प्रस्तुतियां थीं, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने वाजपेयी की कविताओं और गीतों पर आधारित नृत्य और गीत प्रस्तुत किए। यह समय सभी उपस्थित लोगों के लिए यादगार रहा।
समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया। यह दिखाता है कि वाजपेयी की छवि सभी के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है। हजारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए, जिन्होंने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।
News by AVPGANGA.com
अंतिम विचार
देहरादून में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि वाजपेयी की सोच और उनकी दृष्टि आज भी हमारे समाज को प्रभावित कर रही है। ऐसे कार्यक्रम हमारे देश की राजनीति और संस्कृति को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अधिक अपडेट के लिए, AVPGANGA.com पर विजिट करें। वाजपेयी 100वीं जयंती, देहरादून विशेष कार्यक्रम, CM पुष्कर धामी, रजत शर्मा, वाजपेयी का योगदान, अटल बिहारी वाजपेयी जयंती, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, भारतीय राजनीति 2024, वाजपेयी की कविताएं, उत्तराखंड कार्यक्रम, वाजपेयी की सोच
What's Your Reaction?