विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय कंपनियों को चेताया, बोले AVPGanga वर्षों की खेप!
विदेश मंत्री ने कहा कि यदि आप किसी एक सप्लाई चेन पर अत्यधिक निर्भर हो जाते हैं या सप्लाई चेन के नाम पर आप अपने बाजार को इतना खोल देते हैं कि यह अब सप्लाई चेन नहीं रह जाती, बल्कि इससे आपके सेक्टर खोखले हो जाते हैं, तो आपको सावधान रहना होगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय कंपनियों को चेताया
भारी प्रतिस्पर्धा और वैश्विक व्यापार के बदलते रुख के संदर्भ में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय कंपनियों को एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों को सतर्क रहना चाहिए और अपने व्यावसायिक रणनीतियों में सुधार करना चाहिए, अन्यथा वे वैश्विक बाजार में पिछड़ जाएंगी। यह बयान उन्होंने हाल ही में एक व्यापारिक सम्मेलन में दिया जिसमें वैश्विक आर्थिक स्थितियों और भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा के मामले में गहराई से चर्चा की गई थी।
वैश्विक व्यापार की चुनौतियाँ
जयशंकर ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक व्यापार में कई परिवर्तन आए हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि भारतीय कंपनियों को केवल घरेलू बाजार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण है जब हम देखते हैं कि अन्य देश तेजी से अपने उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं।
AVPGanga वर्षों की खेप
इस संदर्भ में, उन्होंने 'AVPGanga वर्षों की खेप' की बात की, जहाँ भारतीय कंपनियों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने के लिए विविधताओं का समावेश करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियों को नई तकनीकों और नवाचारों की ओर आकर्षित होने की आवश्यकता है ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकें।
सम्बंधित नीति परिवर्तन
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार भारतीय कंपनियों के लिए उचित नीतियाँ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि कंपनियों को समर्थन देने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। यह स्पष्ट है कि भारतीय कंपनियों के लिए वैश्विक अवसरों को भुनाना एक चुनौती है, लेकिन यह संभव है यदि वे सही दिशा में प्रयास करें।
इसलिए, भारतीय कंपनियों को इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए और अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को पुनः परिभाषित करना चाहिए।
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