विधेयक पारित: 16 साल से कम उम्र के बच्चे को सोशल मीडिया पर नहीं चलाने की पाईये जानकारी AVPGanga
कम उम्र में बच्चों की सोशल मीडिया की लत से अभिवावक भी कई बार परेशान रहते हैं। हालांकि, एक ऐसा भी देश है जो कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन करने जा रहा है।
विधेयक पारित: 16 साल से कम उम्र के बच्चे को सोशल मीडिया पर नहीं चलाने की जानकारी
सोशल मीडिया का उपयोग दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन हाल ही में एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया गया है जो 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इस प्लेटफार्म का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाता है। यह निर्णय बच्चों और किशोरों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह विधेयक सोशल मीडिया कंपनियों पर सख्त नियम और दिशानिर्देश लागू करने का इरादा रखता है, ताकि बच्चे सुरक्षित ढंग से डिजिटल दुनिया में कदम रख सकें। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए, News by AVPGANGA.com पर जुड़े रहें।
बिल के मुख्य बिंदु
इस विधेयक के तहत बच्चों की पहचान की रक्षा, गोपनीयता और ऑनलाइन सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। इसे लागू करने से पहले, विधायकों ने डिजिटल प्लेटफार्मों पर बाल अभिगम बिंदुओं का गहन विश्लेषण किया। कुछ मुख्य बिंदुओं में शामिल हैं:
1. 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने पर प्रतिबंध।
2. माता-पिता की अनुमति के बिना बच्चों को ऑनलाइन सामग्री तक पहुँचने से रोका जाएगा।
3. बच्चों के लिए सुरक्षित उपयोग के लिए प्लैटफॉर्म को जिम्मेदार ठहराने के प्रावधान।
4. कॉन्टेंट मॉडरेशन और साइबर ब्वुलिंग के खिलाफ सख्ती से प्रावधान।
समाज पर प्रभाव
यह विधेयक न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए एक सख्त कदम है, बल्कि यह समाज में डिजिटल नागरिकता के विचार को मजबूती भी देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से बच्चों को अधिक सुरक्षित वातावरण मिलेगा, जहां वे स्वस्थ तरीके से ऑनलाइन अनुभव प्राप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त, माता-पिता को भी अपने बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। एनजीओ और बाल अधिकार समूहों ने इस विधेयक का स्वागत किया है।
आगे की योजनाएँ
सरकार ने घोषणा की है कि इस विधेयक के लागू होने के बाद, वे एक व्यापक अभियान शुरू करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों और माता-पिता को सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करना है। इसके अलावा, स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
अंत में, यह विधेयक न केवल एक कानूनी कदम है, बल्कि यह समाज में शांति और सुरक्षा लाने का एक प्रयास भी है। इस महत्वपूर्ण विषय पर और जानकारी के लिए, कृपया News by AVPGANGA.com पर ध्यान दें।
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