सरकार ने कमोडिटी वायदा कारोबार पर प्रतिबंध हटाया, खाद्य तेल निकाय SEA की डिमांड - AVPGanga
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित पांच मंत्रियों से अपील की है कि वायदा कारोबार की गैरमौजूदगी ने मूल्य जोखिम प्रबंधन और बाजार विकास में बाधा उत्पन्न की है।
सरकार ने कमोडिटी वायदा कारोबार पर प्रतिबंध हटाया, खाद्य तेल निकाय SEA की डिमांड
हाल ही में, भारतीय सरकार ने कमोडिटी वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह कदम खाद्य तेल उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, खासकर जब भारतीय खाद्य तेल निकाय SEA (सोलरिज्नल्स एस्टेट्स एसोसिएशन) ने इस दिशा में अपनी मांग उठाई थी।
प्रतिबंध हटाने का महत्व
कमोडिटी वायदा कारोबार पर लगी रोक को हटाने से बाजार में स्थिरता और तरलता बढ़ेगी। SEA ने लंबे समय से इस प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी ताकि किसान और व्यापारी बेहतर तरीके से अपनी फसल और उत्पादों की कीमतों की भविष्यवाणी कर सकें। इससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ती दरों पर खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
SEA की भूमिका
SEA ने सरकार से आग्रह किया था कि कमोडिटी वायदा कारोबार को सही दिशा में बढ़ाने के लिए आवश्यक बाधाओं को दूर किया जाए। उनके अनुसार, इससे इस क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा और किसानों को अधिक मजबूती मिलेगी। SEA के प्रवक्ता ने कहा, "प्रतिबंध हटाना हमारे उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है।"
आगे की दिशा
आगे, उद्योग में नए निवेश और विकास के लिए कदम उठाए जाएंगे। सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए सभी हितधारक अपने-अपने स्तर पर इसका लाभ उठाने की योजना बना रहे हैं। यह निर्णय वायदा बाजार में सुधार और स्थिरता लाने में सहायक हो सकता है।
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- सरकार का कमोडिटी वायदा कारोबार पर निर्णय
- SEA की मांग खाद्य तेल बाजार के लिए
- कमोडिटी वायदा कारोबार में बदलाव
- खाद्य तेल उद्योग पर प्रभाव
- भारतीय सरकार का आर्थिक सुधार
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