'राष्ट्रपति के पास शक्ति, लेकिन वो शहंशाह नहीं', बर्थ राइट सिटीजनशिप मुद्दे पर अमेरिका में शुरू हुआ विरोध

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कई कार्यकारी आदेश जारी किए हैं। ट्रंप के आदेश के तहत अमेरिका में जन्म के आधार पर नागरिकता की संवैधानिकता को खत्म कर दिया गया है। ट्रंप के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है।

Jan 22, 2025 - 13:03
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'राष्ट्रपति के पास शक्ति, लेकिन वो शहंशाह नहीं', बर्थ राइट सिटीजनशिप मुद्दे पर अमेरिका में शुरू हुआ विरोध
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कई कार्यकारी आदेश जारी किए हैं। ट्रंप क

‘राष्ट्रपति के पास शक्ति, लेकिन वो शहंशाह नहीं’, बर्थ राइट सिटीजनशिप मुद्दे पर अमेरिका में शुरू हुआ विरोध

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Written by: Neha Sharma and Team Netaanagari

अमेरिका में बर्थ राइट सिटीजनशिप के मुद्दे पर व्यापक विरोध शुरू हो गया है। राष्ट्रपति बाइडेन और उनकी सरकार की नीतियों के खिलाफ नागरिकों के बीच बढ़ती हुई चिंता देखी जा रही है। इस संदर्भ में कई संगठनों और समुदायों ने अपनी आवाज उठाई है।

बर्थ राइट सिटीजनशिप क्या है?

बर्थ राइट सिटीजनशिप का अर्थ है कि कोई व्यक्ति अमेरिका में जन्म लेते ही स्वतः नागरिकता प्राप्त कर लेता है। यह अधिकार अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन के तहत सुनिश्चित किया गया है। इसके अंतर्गत, सभी बच्चों को जो अमेरिका में जन्म लेते हैं, नागरिक माना जाता है।

विरोध के कारण

हाल के वर्षों में, इस नियम के खिलाफ कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। राष्ट्रपति बाइडेन के शासन में जब से प्रवासियों और उनकी नागरिकता के अधिकारों पर चर्चा गर्म हो गई है, तब से कई संगठनों ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं। समर्थकों का कहना है कि यह नियम अमेरिका की विविधता और समावेशिता का प्रतीक है, जबकि विरोधियों का कहना है कि इसे संशोधित करने की आवश्यकता है।

समर्थन और विरोध की आवाजें

विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोग नारा लगा रहे हैं, “राष्ट्रपति के पास शक्ति है, लेकिन वो शहंशाह नहीं हैं।” यह नारा अमेरिकी राष्ट्रपति की शक्ति के संदर्भ में है, जिसका मतलब है कि राष्ट्रपति के पास निर्णय करने की शक्ति तो है, लेकिन वह निरंकुश नहीं है। नागरिक अधिकार संगठनों का कहना है कि राष्ट्रपति को अमेरिकी संविधान का सम्मान करना चाहिए और नागरिकता के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

बर्थ राइट सिटीजनशिप के मुद्दे का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी नजर आ रहा है। कई प्रवासी परिवारों के लिए यह अधिकार उनके भविष्य की नींव रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका सीधा असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा यदि इस नियम में कोई बदलाव होता है।

संभावित समाधान

अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है। कुछ प्रमुख संगठनों ने एकत्र होकर राष्ट्रपति से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर एक संवाद शुरू करें और सभी पक्षों की राय को ध्यान में रखें। यह मुद्दा न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है, जहां लोग अपने बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका का रुख करते हैं।

निष्कर्ष

बर्थ राइट सिटीजनशिप का मुद्दा केवल कानून या नीति नहीं, बल्कि यह मानवाधिकारों का मामला है। सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलना चाहिए, और यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। वर्तमान में चल रहा विरोध इस बात का संकेत है कि लोग अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो रहे हैं और उन्हें सुरक्षित करना चाहते हैं।

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