संभल जामा मस्जिद में सफेदी कराने की मिली इजाजत, जानें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा

संभल की शाही जामा मस्जिद में सफेदी कराने की इजाजत मिल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक हफ्ते में सफेदी कराने का आदेश दिया है।

Mar 12, 2025 - 11:33
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संभल जामा मस्जिद में सफेदी कराने की मिली इजाजत, जानें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा
संभल जामा मस्जिद में सफेदी कराने की मिली इजाजत, जानें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा

संभल जामा मस्जिद में सफेदी कराने की मिली इजाजत, जानें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा

AVP Ganga

संभल की जामा मस्जिद में सफेदी कराने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। यह निर्णय धार्मिक समुदायों के बीच सच्चाई और परस्पर सम्मान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। हाई कोर्ट द्वारा दी गई इस अनुमति से न केवल स्थानीय मुसलमानों को बल्कि समस्त समुदायों को एक अच्छी खबर मिली है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्णय

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जामा मस्जिद में सफेदी करने की अनुमति दी। यह याचिका धार्मिक स्थलों के रखरखाव और उनकी सुरक्षा से संबंधित थी। जज ने स्पष्ट रूप से कहा कि धार्मिक स्थलों की सफाई और देखभाल करना सभी समुदायों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। इसका उद्देश्य न केवल धार्मिक स्थलों की सुंदरता को बनाए रखना है, बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द का भी प्रचार करना है।

क्या हैं अधिनियम के प्रावधान?

इस निर्णय में कोर्ट ने यह भी विचार किया कि धार्मिक स्थलों की सफाई से पर्यावरण को भी फायदा होता है। जज ने कहा कि सफेदी के कार्य को ध्यानपूर्वक और उचित तरीके से किया जाना चाहिए ताकि वहां की किसी भी धार्मिक रिवाज का उल्लंघन न हो। यह निर्णय इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है कि इसे सभी पक्षों द्वारा स्वीकार किया गया है।

स्थानीय निवासी और उनकी प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासी इस फैसले को लेकर बेहद उत्सुक हैं। कई लोगों ने कहा है कि सफेदी से ना केवल मस्जिद की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि यह धर्म के प्रति उनके समर्पण को भी दर्शाएगी। स्थानीय समुदायों ने हाई कोर्ट के इस निर्णय की प्रशंसा की है और इसे एक सकारात्मक कदम बताया है।

आगे की प्रक्रिया

अब मस्जिद समिति सफेदी कराने की प्रक्रिया को गति देगी और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस कार्य को संपन्न करेगी। उम्मीद की जा रही है कि सफेदी का कार्य जल्द ही शुरू होगा और इससे समुदाय के बीच भाईचारा और मजबूती बनेगी।

निष्कर्ष

इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह निर्णय धार्मिक स्थलों की देखभाल के महत्व को रेखांकित करता है। साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने और धार्मिक स्थलों की स्थिति में सुधार के लिए यह एक बड़ा कदम है। पूरे देश में एकता और भाईचारे की भावना को फैलाने के लिए ऐसे ही सकारात्मक कदमों की आवश्यकता है।

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