Edible Oil Prices : आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद सस्ता हुआ पाम ऑयल, जानिए सरसों और सोयाबीन तेल के क्या हैं भाव

Edible Oil Prices : आवक कम रहने के बीच भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा बिनौला सीड (तिलहन) का दाम 100 रुपये क्विंटल बढ़ाने के बावजूद हरियाणा, पंजाब में कपास नरमा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बिक रहे हैं। पाम, पामोलीन पहले ही खप नहीं रहे थे और महंगे दाम पर इसके लिवाल नहीं हैं।

Jan 2, 2025 - 08:03
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Edible Oil Prices : आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद सस्ता हुआ पाम ऑयल, जानिए सरसों और सोयाबीन तेल के क्या हैं भाव
Edible Oil Prices : आवक कम रहने के बीच भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा बिनौला सीड (तिलहन) का दाम 100 रुपये क्विंटल बढ़ाने के बावजूद हरियाणा, पंजाब में कपास नरमा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बिक रहे हैं। पाम, पामोलीन पहले ही खप नहीं रहे थे और महंगे दाम पर इसके लिवाल नहीं हैं।

Edible Oil Prices : आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद सस्ता हुआ पाम ऑयल, जानिए सरसों और सोयाबीन तेल के क्या हैं भाव

AVP Ganga

लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी

परिचय

हाल ही में भारतीय खाद्य तेल बाजार में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया है। सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था, जिसके बावजूद पाम ऑयल की कीमतें घट गई हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सरसों और सोयाबीन तेल के दामों में क्या बदलाव आया है और इसकी क्या वजहें हैं।

पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट

पाम ऑयल, जो कि देश में सबसे अधिक प्रयुक्त खाद्य तेलों में से एक है, की कीमतें हाल ही में 0.5% गिरकर ₹70,500 प्रति टन हो गई हैं। यह गिरावट तब हुई है जब केंद्र सरकार ने पाम ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15% कर दिया था। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजार में तेल की आपूर्ति में सुधार से भारतीय बाजार में भी दरें प्रभावित हुई हैं।

सरसों और सोयाबीन तेल के भाव

सरसों तेल की कीमतें वर्तमान में ₹13,500 प्रति 10 किलोग्राम के आसपास हैं, जो स्थिर बनी हुई हैं। वहीं, सोयाबीन तेल के दाम में भी कोई विशेष बदलाव नहीं आए हैं और इसकी कीमत ₹14,400 प्रति 10 किलोग्राम है।

मौजूदा स्थिति का विश्लेषण

विशेषज्ञों का कहना है कि पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट के पीछे कई कारण हैं। एशियाई बाजार में बढ़ती आपूर्ति, और धाराणाओं में कमी ने इस गिरावट को और मजबूती दी है। इसके अलावा, भारतीय बाजार में फसल की अच्छी पैदावार भी मददगार साबित हुई है।

निष्कर्ष

हालांकि आयात शुल्क में वृद्धि का उद्देश्य घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना है, लेकिन इसका स्थायी असर बाजार में देखने को नहीं मिल रहा है। खाद्य तेल की कीमतों का फ्लक्चुएशन हमेशा सुर्खियों में रहता है और यह उपभोक्ताओं के लिए चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय है। आने वाले दिनों में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं, इसलिये सभी को ताज़ा जानकारी पर नज़र रखनी चाहिए।

इस क्षेत्र में वास्तविक समय के अपडेट के लिए, कृपया avpganga.com पर जाएँ।

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Edible Oil Prices, Palm Oil Price Drop, Mustard Oil Rates, Soybean Oil Prices, Import Duty Increase

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