'PoK मिलते ही खत्म हो जाएगा कश्मीर विवाद', एस जयशंकर ने दिया बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों लंदन के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने को लेकर किए गए भारत सरकार के प्रयासों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि पीओके के मिलने के साथ ही कश्मीर मुद्दा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

PoK मिलते ही खत्म हो जाएगा कश्मीर विवाद', एस जयशंकर ने दिया बयान
परिचय
कश्मीर विवाद एक ऐसा मुद्दा है, जो वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का मुख्य कारण बना हुआ है। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके अनुसार, यदि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत का हिस्सा बना लिया जाए, तो कश्मीर विवाद समाप्त हो जाएगा। आइए जानते हैं इस बयान के पीछे का तर्क और इसके प्रभाव को।
बयान का संदर्भ
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि PoK भारत का अविभाज्य हिस्सा है और इसका तेजी से ऐतिहासिक महत्व है। उन्होंने यह भी बताया कि कश्मीर विवाद केवल तब तक जारी रहेगा जब तक कि PoK पर भारत का नियंत्रण नहीं हो जाता। इस टिप्पणी ने देश में एक बार फिर से कश्मीर मुद्दे को चर्चा में ला दिया है।
कश्मीर का इतिहास
कश्मीर विवाद की शुरुआत 1947 में हुई, जब भारत और पाकिस्तान के बीच स्वतंत्रता के समय कश्मीर पर नियंत्रण के लिए संघर्ष शुरू हुआ। यह विवाद समय-समय पर दोनों देशों के बीच युद्ध और तनाव का कारण रहा है। जयशंकर के बयान से यह साफ है कि भारत इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दृढ़ है।
कश्मीर विवाद के विभिन्न पहलू
कश्मीर विवाद के कई पहलू हैं जिसमें राजनीतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलु शामिल हैं। एस जयशंकर के बातचीत में कहा गया कि जब PoK भारत की संप्रभुता में आएगा, तो kashmir में शांति स्थापित होना संभव होगा। इस संदर्भ में, यह महत्वपूर्ण है कि भारत के रुख को वैश्विक स्तर पर समझाया जाए।
वैश्विक प्रतिक्रिया
एस जयशंकर के बयान पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ विदेशी नीति विशेषज्ञ इस विचार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे विवादास्पद भी मानते हैं। भारत की अंतर्दृष्टि को समझना और अन्य देशों के दृष्टिकोण को भी संतुलित करना इस मुद्दे का एक अनिवार्य हिस्सा होगा।
निष्कर्ष
सुधार की प्रक्रिया में, एस जयशंकर का यह बयान निश्चित रूप से भारतीय नीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। कश्मीर का विवाद केवल भूमि का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान का भी मामला है। यदि भारत PoK को हासिल कर पाता है, तो यह न केवल विवाद को समाप्त करेगा बल्कि भारत की संप्रभुता को भी मजबूत करेगा। इसलिए, इस समय के आसपास हमें एक ठोस रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।
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