अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामने आया किरण बेदी का बयान, कहा- बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद मानना चाहिए

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने कहा कि जब माता-पिता बेटियों को आशीर्वाद समझने लगेंगे तो उसकी परवरिश भी ठीक होगी। उन्हें बोझ नहीं आशीर्वाद मानना चाहिए।

Mar 8, 2025 - 16:33
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामने आया किरण बेदी का बयान, कहा- बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद मानना चाहिए
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामने आया किरण बेदी का बयान, कहा- बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद मानना �

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामने आया किरण बेदी का बयान, कहा- बेटियों को बोझ नहीं, आशीर्वाद मानना चाहिए

AVP Ganga

लेखक: सीमा शर्मा, टीम नेतानागरी

प्रस्तावना

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, प्रसिद्ध पुलिस अधिकारी और समाजसेवी किरण बेदी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके इस बयान ने न केवल बेटियों के प्रति समाज के सोचने के तरीके पर सवाल उठाया है, बल्कि उन्होंने यह भी बताया है कि बेटियाँ समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें बोझ समझने की बजाय आशीर्वाद के रूप में देखा जाना चाहिए।

किरण बेदी का बयान

किरण बेदी ने कहा, "बेटियाँ जीवन का सबसे बड़ा उपहार हैं। हमें उन्हें बोझ समझने के बजाय उनके गुणों और क्षमताओं की सराहना करनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि बेटियाँ परिवार और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। भारत जैसे देश में जहाँ बेटियों को अक्सर कमतर आंका जाता है, बेदी के ये शब्द उम्मीद की किरण पेश करते हैं।

समाज में परिवर्तन की आवश्यकता

बेटियों को बोझ न समझने की बात करते हुए, बेदी ने समाज में बदलाव की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसरों की आवश्यकता है ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें। "यदि समाज में सभी को समान अवसर मिले, तो बेटियाँ भी अपने इरादों में सफल हो सकती हैं," उन्होंने कहा।

किरण बेदी का योगदान

किरण बेदी ने अपने करियर में कई सामाजिक मुद्दों पर काम किया है। न केवल वे एक सफल पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक नेता भी हैं। उनके प्रयासों ने महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

समापन

इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर किरण बेदी का यह संदेश हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सन्देश है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि बेटियाँ हमारी जड़ों का हिस्सा हैं, उन्हें बोझ नहीं, बल्कि आशीर्वाद मानना चाहिए। उनके विचार और दृष्टिकोण को अपनाने से ही हम एक समान और सकारात्मक समाज की दिशा में बढ़ सकते हैं।

बेटियों को लेकर सोच में बदलाव लाने के लिए, हमें किरण बेदी जैसे नेताओं के विचारों को अपनाने और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

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