‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वक्त हिंदी खबरों की दर्शक संख्या का नया रिकॉर्ड, 2016 के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को भी छोड़ा पीछे
'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी खबरें टीवी पर जमकर देखी गईं। इसको लेकर आंकड़े सामने आए हैं। हिंदी भाषी टीवी समाचार बाजारों में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वक्त हिंदी खबरों की दर्शक संख्या का नया रिकॉर्ड, 2016 के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को भी छोड़ा पीछे
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एक नए रिकॉर्ड के साथ, भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हिंदी समाचार चैनलों की दर्शक संख्या ने पिछले सभी मानकों को तोड़ दिया है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि इस समय हिंदी भाषी दर्शक समाचार जगत पर काफी सक्रिय रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में नए मानकों की स्थापना हुई।
हिंदी समाचारों की लोकप्रियता में उछाल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी खबरें पिछले कुछ समय में टीवी पर बेहद देखी गईं। आंकड़ों के अनुसार, इस ऑपरेशन के दौरान दर्शकों की संख्या ने 2016 के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का आंकड़ा भी पीछे छोड़ दिया है। यह घटना न केवल भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि मीडिया के लिए भी एक सुनहरी अवसर बन गई है।
दर्शक आंकड़ें और विश्लेषण
BARC (Broadcast Audience Research Council) ने हाल ही में इस बारे में आंकड़े जारी किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कवरेज के दौरान हिंदी समाचार चैनलों ने अपनी रीच को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। दर्शकों की संख्या में ऐसा उछाल तब आया है जब चुनौतियाँ और समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।
क्यों बढ़ी दर्शकों की संख्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, देश में चल रही सुरक्षा चिंताएँ और आतंकवाद का मुद्दा दर्शकों के लिए गंभीरता से देखने योग्य है। इसके अलावा, कई समाचार चैनल्स ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अनोखे और रोचक तरीके से पेश किया, जो दर्शकों को आकर्षित करने में मददगार साबित हुआ।
समाचार चैनलों का प्रदर्शन
विशेष रूप से, चैनल्स जैसे Aaj Tak, India TV और NDTV ने इस घटना को पहले पन्ने की खबर बनाकर इसे प्राइम टाइम में प्रसारित किया। विज्ञापनदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे चैनल्स को आर्थिक रूप से मजबूती मिली है।
निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने निश्चित रूप से दर्शकों के बीच हिंदी समाचार चैनलों की लोकप्रियता को बढ़ाया है। इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब समाचारों में गंभीरता और वास्तविकता होती है, तब दर्शकों की संख्या आसमान छू सकती है। आगे बढ़ते हुए, यदि समाचार चैनल इस तर्ज पर काम करते हैं, तो वे एक स्थायी दर्शक वर्ग बना सकते हैं।
इस रिपोर्ट अंत में, दर्शकों की गतिविधियों के बारे में और जानने के लिए, लोग यहाँ जा सकते हैं।
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