कैसे अमेरिका से भारत लाया गया आतंकी तहव्वुर राणा? NIA ने किन-किन विदेशी एंजेसियों से साधा संपर्क

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को हिरासत में लेने के साथ एनआईए को बड़ी सफलता मिली है। एनआईए अब तहव्वुर हुसैन राणा से मुंबई आंतकी हमले के कई राज उगलवाएगी। भारत में उसके गुनाहों की सजा दी जाएगी।

Apr 11, 2025 - 08:33
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कैसे अमेरिका से भारत लाया गया आतंकी तहव्वुर राणा? NIA ने किन-किन विदेशी एंजेसियों से साधा संपर्क
कैसे अमेरिका से भारत लाया गया आतंकी तहव्वुर राणा? NIA ने किन-किन विदेशी एंजेसियों से साधा संपर्क

कैसे अमेरिका से भारत लाया गया आतंकी तहव्वुर राणा? NIA ने किन-किन विदेशी एंजेसियों से साधा संपर्क

AVP Ganga

लेखक: साक्षी शर्मा, टीम निटानागरी

ऐसा लगता है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बार फिर से सफलता की नई ऊँचाइयों को छुआ है। आतंकवादी तहव्वुर राणा, जो अमेरिका में पकड़ा गया था, अंततः भारत लाया गया है। इस मामले में एनआईए ने विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर जबरदस्त काम किया है। आइए जानें कि यह प्रक्रिया कैसे हुई और किन-किन विदेशी एजेंसियों ने मदद की।

तहव्वुर राणा का पृष्ठभूमि

तहव्वुर राणा, एक पाकिस्तानी मूल के भारतीय नागरिक हैं, जो अमेरिका में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्हें 2008 के मुंबई हमलों में भी संदिग्ध के तौर पर देखा गया था। अमेरिका में उनकी गिरफ्तारी से भारतीय जांच एजेंसियों में हलचल मच गई थी।

एनआईए की भूमिका

एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी) ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अमेरिका की एफबीआई, इंटरपोल और अन्य विदेशी सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क साधा। इस प्रभावी संचार के जरिए, एनआईए ने राणा को भारत लाने की प्रक्रियाओं को गति दी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

अंतरराष्ट्रीय सहयोग इस ऑपरेशन का अहम हिस्सा रहा। एनआईए ने एफबीआई से जानकारी साझा की, जिसमें राणा की आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी जानकारी शामिल थी। इसके अलावा, इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस ने उनके भारत आने की प्रक्रिया को सरल बनाइ।

भारत आने की प्रक्रिया

राणा को अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद भारत की न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत लाया गया। एनआईए ने इंडिया को इसकी कानून व्यवस्था के तहत जोरदार बनाया। इस प्रक्रिया में भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी काम किया।

निष्कर्ष

भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एक बड़ा कदम है। तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और उसके भारत लाने की प्रक्रिया इस बात का सबूत है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कितनी सतर्क है। एनआईए की तत्परता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इस तरह के मामलों का प्रभावी समाधान संभव हो रहा है।

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