तीन साल तक मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रहे, अब योगी सरकार में मंत्री, असीम अरुण ने सुनाई मारुति 800 की कहानी
असीम अरुण ने बताया कि मनमोहन सिंह को सरकारी बीएमडब्ल्यू गाड़ी नहीं पसंद थी। वह मारुति 800 को ही अपनी गाड़ी मानते थे। उनका मानना था कि करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, उनकी गाड़ी मारुति 800 है।
तीन साल तक मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रहे, अब योगी सरकार में मंत्री, असीम अरुण ने सुनाई मारुति 800 की कहानी
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असीम अरुण का राजनीतिक सफर
असीम अरुण, जो तीन साल तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रह चुके हैं, ने हाल ही में योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री पद ग्रहण किया। उनका अनुभव और प्रयास न केवल उन्हें एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बल्कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में भी उभारते हैं। इस सफर में उन्होंने अनगिनत कहानियों और अनुभवों को साझा किया, जिनमें से एक है उनकी पहली गाड़ी - मारुति 800।
मारुति 800 की कहानी
असीम अरुण ने बताया कि कैसे उनकी पहली कार एक मारुति 800 थी, जिसने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस साधारण गाड़ी ने उन्हें प्रेरित किया और मजबूत संकल्प के साथ आगे बढ़ने का हौसला दिया। उन्होंने साझा किया कि कैसे इस कार में यात्रा करते हुए उन्होंने अपने करियर के पहले कदम उठाए और प्रशासनिक जीवन की चुनौतियों का सामना किया।
योगी सरकार में भूमिका
अब, असीम अरुण मंत्री के रूप में अपने अनुभवों का लाभ उठाते हुए विकास और प्रशासन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनका लक्ष्य उत्तर प्रदेश के लोगों के जीवन में सुधार लाना और उन्हें बेहतर सेवाएँ प्रदान करना है। उनके विचार और निर्णयों पर जनता की नजर है, और वे उम्मीद करते हैं कि वे राज्य के विकास में अहम योगदान देंगे।
निष्कर्ष
असीम अरुण का यह सफर एक प्रेरणा है जो दर्शाता है कि कठिनाइयों में भी अवसर छिपे होते हैं। उनकी कहानी, "मारुति 800" की तरह, कई लोगों को प्रेरित करती है कि वे अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे रहें और कभी हार न मानें।
इस प्रकार, असीम अरुण न केवल एक सफल मंत्री हैं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत भी हैं। आगे चलकर हम उनकी उपलब्धियों की और कहानियों का इन्तजार कर रहे हैं।
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