नए उपराष्ट्रपति के लिए थावरचंद गहलोत, ओम माथुर का नाम:निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू की, तारीखें जल्द घोषित होंगी
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के महज 3 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग ने इस पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। चुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी। इस बीच, भाजपा इस पद के लिए अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित कार्यकर्ता को उम्मीदवार बना सकती है। फिलहाल जिन नामों पर पार्टी में विचार चल रहा है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। अन्य नाम सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का भी है। आयोग ने इस पद के लिए निर्वाचक मंडल, रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य जरूरी चीजों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आयोग की तैयारियों के बीच भाजपा की कोशिश होगी कि इस पद का उम्मीदवार किसी अन्य सहयोगी को बनाने की जगह अपने उम्मीदवार का नाम तय कर उसके नाम पर सहयोगी दलों को राजी करे। दरअसल, जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। प्रशासनिक अनुभव और जातीय समीकरण के आधार पर चयन होगा सूत्रों का कहना है कि जगदीप धनखड़ और राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के अनुभवों को देखते हुए भाजपा ऐसा विचार कर रही है। साथ ही उम्मीदवार ऐसा हो, जिसे प्रशासनिक अनुभव हो और जातीय समीकरण में भी फिट बैठे। गहलोत जातीय समीकरण में भी फिट थावरचंद गहलोत अभी कर्नाटक के राज्यपाल हैं। 77 वर्षीय गहलोत राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं साथ ही केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। भाजपा में वे सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। जातीय समीकरण (दलित) में भी वे फिट बैठते हैं। वह मध्य प्रदेश से हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है। माथुर मोदी-शाह के करीबी ओम माथुर अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं। 73 वर्षीय माथुर पार्टी के कद्दावर नेता हैं और राजस्थान से आते हैं। वे गुजरात के चुनाव प्रभारी तब रहे हैं, जब पीएम मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे। वे मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। माथुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक रह चुके हैं। भाजपा के नाम पर सहमति नहीं तो उप सभापति हरिवंश का नाम भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि निर्वाचन आयोग की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के चुनाव तारीख घोषित होते ही इस पद के लिए एनडीए प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। यदि भाजपा के किसी प्रत्याशी के नाम पर एनडीए में सहमति बनाने में समस्या आई तो मौजूदा उप सभापति हरिवंश भी इस पद के उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं। विपक्ष उतारेगा मजबूत प्रत्याशी भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, प्रत्याशी का चयन ठोक बजाकर ही किया जाएगा क्योंकि विपक्ष से भी कोई मजबूत प्रत्याशी उतारे जाने की पूरी संभावना है। ऐसे में एनडीए इस पद के लिए प्रत्याशियों के कद, अनुभव व जातीय समीकरण को प्राथमिकता देगी। दाल में कुछ काला है... इस्तीफा देने की वजह सिर्फ स्वास्थ्य नहीं : कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, सरकार को साफ करना चाहिए कि इस्तीफे की असली वजह क्या है। ‘दाल में कुछ काला है।’ धनखड़ स्वस्थ दिखते हैं और उनकी वाणी भी स्पष्ट है, फिर अचानक इस्तीफा क्यों दिया गया? कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि इस्तीफे की वजहें सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, बल्कि कहीं गहरी हैं। 6 स्टेप में चुन जाते हैं उपराष्ट्रपति... स्टेप-1 : निर्वाचक मंडल का गठन करना उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं। स्टेप-2: चुनाव की अधिसूचना जारी होना निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना में नामांकन, मतदान और परिणाम की तारीखें होती हैं। स्टेप-3: नामांकन प्रक्रिया उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थक के रूप में हस्ताक्षर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होता है। स्टेप-4 : सांसदों के बीच प्रचार होता है केवल सांसद मतदाता होते हैं। इसलिए यह प्रचार सीमित दायरे में होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल प्रचार में शामिल होते हैं। स्टेप-5: मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी हर सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में (1, 2, 3...) अंकित करता है। स्टेप-6: मताें की गिनती और परिणाम जीत के लिए कुल वैध मतों का साधारण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त करना होता है। रिटर्निंग ऑफिसर नतीजे की घोषणा करते हैं। 21 जुलाई को धनखड़ ने इस्तीफा दिया था जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा था। उन्होंने लिखा था- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। पूरी खबर पढ़ें...

नए उपराष्ट्रपति के लिए थावरचंद गहलोत, ओम माथुर का नाम: निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू की, तारीखें जल्द घोषित होंगी
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के महज तीन दिनों के भीतर, निर्वाचन आयोग ने नए उपराष्ट्रपति के चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। चुनाव की तिथियों की घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है। इस प्रक्रिया में भाजपा विचारधारा के साथ अपने कार्यकर्ताओं को इस पद के लिए उम्मीदवार बनाने की योजना बना रही है। वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर के नाम सबसे प्रमुख दावेदारों के रूप में उभर रहे हैं। चुनाव की तैयारी को लेकर निर्वाचन आयोग इस पद के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएं अंतिम रूप देने में जुटा है।
धनखड़ का त्यागपत्र और उसके प्रभाव
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दिया था, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर भी कर लिया है। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उनके इस्तीफे का मुख्य कारण स्वास्थ्य बताया गया, लेकिन कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने चिंता जाहिर की कि इस्तीफे की असली वजह कोई और हो सकती है। उनकी अवस्था को देखते हुए, यह सोचने को मजबूर होना पड़ता है कि क्या इसका राजनीतिक पहलू भी है।
भाजपा के संभावित उम्मीदवार
भाजपा ने अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची में थावरचंद गहलोत और ओम माथुर को प्राथमिकता दी है। गहलोत, जिनकी उम्र 77 वर्ष है, एक अनुभवी नेता हैं। वे पहले राज्यसभा के नेता रहे हैं और केंद्रीय मंत्री का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। गहलोत का जातीय समीकरण (दलित) भी महत्वपूर्ण है, जिससे वे इस पद के लिए उपयुक्त बनते हैं।
वहीं, ओम माथुर, 73 वर्ष के होने के साथ भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं। उन्होंने मोदी-शाह की करीबी में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं और गुजरात चुनाव में प्रभारी रह चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी उनका अनुभव है, जिससे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और मजबूत होती है।
निर्वाचन आयोग की तैयारी
निर्वाचन आयोग ने नई प्रक्रिया को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसमें निर्वाचक मंडल और रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति शामिल है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि अगर भाजपा के किसी उम्मीदवार के नाम पर एनडीए में सहमति नहीं बनती है, तो मौजूदा उपसभापति हरिवंश को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति का चुनाव एक परिभाषित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। इस प्रक्रिया में विभिन्न चरण शामिल होते हैं:
- प्रथम चरण में निर्वाचक मंडल का गठन किया जाता है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं।
- दूसरे चरण में चुनाव की अधिसूचना जारी होती है जिसे निर्वाचन आयोग द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- तीसरे चरण में उम्मीदवार को नामांकन पत्र में 20 प्रस्तावकों और 20 समर्थकों के हस्ताक्षर के साथ दाखिल करना होता है।
- चौथे चरण में सांसदों के बीच प्रचार किया जाता है।
- पाँचवे चरण में मतदान की प्रक्रिया शुरू होती है।
- आखिर में मतों की गिनती और परिणाम की घोषणा होती है।
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही पूरे देश की नजरें उन दावेदारों पर टिकी हैं, जिनका नाम चुनावी गली में सुनाई दे रहा है। थावरचंद गहलोत और ओम माथुर जैसे नाम न केवल भाजपा की ताकत को दिखाते हैं, बल्कि राजनीतिक समीकरण में भी महत्वपूर्ण बदलाव कर सकते हैं। प्रतीक्षा बनी हुई है कि निर्वाचन आयोग कब तक चुनाव की तारीख का ऐलान करेगा।
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