भारतीय शेयर बाजार अबतक 8 बार हुआ क्रैश, निवेशक हैं तो इतिहास से जरूर सीखें ये बातें

अगर आप शेयर बाजार निवेशक हैं तो इतिहास से सीख लेकर अपनी रणनीति बना सकते हैं। आइए जानते हैं कि कब-कब भारतीय शेयर बाजार धड़ाम हुआ और उसके बाद फिर रिकवरी कब लौटी?

Mar 2, 2025 - 07:33
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भारतीय शेयर बाजार अबतक 8 बार हुआ क्रैश, निवेशक हैं तो इतिहास से जरूर सीखें ये बातें
भारतीय शेयर बाजार अबतक 8 बार हुआ क्रैश, निवेशक हैं तो इतिहास से जरूर सीखें ये बातें

भारतीय शेयर बाजार अबतक 8 बार हुआ क्रैश, निवेशक हैं तो इतिहास से जरूर सीखें ये बातें

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लेखक: सुषमा शर्मा, टीम नेतागंगरी

परिचय

भारतीय शेयर बाजार अपने इतिहास में कई उतार-चढ़ाव देख चुका है। जब से भारत ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई है, तब से शेयर बाजार के कई बड़े क्रैश देखने को मिले हैं। इस लेख में हम इन आठ प्रमुख क्रैशेस का अध्ययन करेंगे और उन सीखों को साझा करेंगे जो इन घटनाओं से मिली हैं। यदि आप एक निवेशक हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

भारतीय शेयर बाजार का इतिहास

भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत 19वीं सदी में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से हुई थी। इसके बाद से बाजार ने कई दफा सुधार और गिरावट देखी है। 2000 के बाद, इसमें तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन साथ ही कई बार बड़ी गिरावट भी आई है। चलिए, जानते हैं उन मुख्य क्रैशेस के बारे में:

आठ प्रमुख क्रैशेस

1. 1992 का शेयर बाजार क्रैश

इस क्रैश का मुख्य कारण हर्षद मेहता की धोखाधड़ी थी, जिसने बाजार में हड़कंप मचा दिया।

2. 2000 का डॉट कॉम बबल

डॉट कॉम कंपनियों के पेचीदा मूल्यांकन ने बाजार में अस्थिरता पैदा की।

3. 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट

अमेरिका में सबप्राइम संकट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, और इसका एक बड़ा झटका लगा।

4. 2011 का बाजार क्रैश

ग्लोबल मंदी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई, जिससे बाजार में गिरावट आई।

5. 2016 का नोटबंदी

नोटबंदी के कदम ने बाजार में बड़े बदलाव लाए, जिससे अनेकों निवेशकों ने भारी नुकसान उठाया।

6. 2018 का गिरावट

महंगाई और नीतिगत अस्थिरता ने बाजार को प्रभावित किया।

7. 2020 का कोविड-19 संकट

महामारी के कारण वैश्विक बाजार में भारी गिरावट आई, जिसे भारत में भी अनुभव किया गया।

8. 2022 का युद्ध का प्रभाव

रूस और यूक्रेन के बीच जंग ने वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित किया, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित हुआ।

निवेशकों के लिए सीख

इन इतिहासों के माध्यम से निवेशकों को कुछ बातें सीखनी चाहिए:

  • लंबी अवधि के लिए निवेश करें।
  • रिस्क मैनेजमेंट का ध्यान रखें।
  • आर्थिक हालात को समझें और उस पर ध्यान दें।
  • शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं।

निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार के इन ऐतिहासिक क्रैशेस ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं। यह केवल एक बाजार नहीं है, बल्कि एक बड़े वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है। अगर आप एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं, तो इन से सबक लेना न भूलें। सहुलियत से निवेश करना, समझदारी से निर्णय लेना और बाजार की प्रगति पर नज़र रखना अत्यंत आवश्यक है। भविष्य में जब भी निवेश करें, इन सबक को ध्यान में रखें, इससे आपका निवेश सुरक्षित और लाभकारी रहेगा।

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