अगस्त में बेरोजगारी दर घटकर 5.1% आई:लगातार दूसरे महीने गिरावट, पुरुषों में बेरोजगारी 5 महीने के निचले स्तर पर
अगस्त 2025 में भारत की बेरोजगारी दर (UR) घटकर 5.1% पर आ गई है। जुलाई में यह 5.2% और जून में 5.6% रही थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब बेरोजगारी दर में गिरावट रही है। केंद्र सरकार ने आज 15 सितंबर को बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी किए हैं। पुरुष बेरोजगारी दर 5 महीने में सबसे कम वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो अगस्त में बढ़कर 52.2% पहुंचा बेरोजगारी दर में गिरावट की क्या वजह है? सरकार ने इसकी साफ-साफ कोई वजह तो नहीं बताई, लेकिन ट्रेंड से लगता है कि मौसमी फैक्टर्स, सरकारी प्रयास या इकोनॉमिक रिकवरी की वजह से हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में तीन महीने की लगातार गिरावट शायद मानसून या कृषि एक्टिविटी से जुड़ी हो। स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स का असर भी हो सकता है। कुल मिलाकर, ये डेटा दिखाता है कि भारत की जॉब मार्केट में सुधार हो रहा है, लेकिन बेरोजगारी दर को अभी भी 5.1% से और कम करने की जरूरत है। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें... थोक महंगाई अगस्त में बढ़कर 0.52% पर पहुंची: खाने-पीने के सामान की कीमतें बढ़ीं, जुलाई में ये माइनस 0.58% रही थी अगस्त में थोक महंगाई बढ़कर 0.52% पर पहुंच गई है। खाने-पीने की चीजें महंगी होने से महंगाई बढ़ी है। इससे पहले जुलाई में ये घटकर माइनस 0.58% पर आ गई थी। ये इसका 2 साल का निचला स्तर था। इससे पहले जून 2023 में ये माइनस 4.12% पर आ गई थी। वहीं मई 2025 में ये 0.39% और अप्रैल 2025 में 0.85% पर थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

अगस्त में बेरोजगारी दर घटकर 5.1% आई: लगातार दूसरे महीने गिरावट, पुरुषों में बेरोजगारी 5 महीने के निचले स्तर पर
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15 सितंबर 2025 को भारतीय सरकार ने बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें यह देखा गया है कि अगस्त 2025 में बेरोजगारी दर 5.1% पर आ गई है। यह जुलाई में 5.2% और जून में 5.6% थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब बेरोजगारी दर में सुधार देखा गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
बेरोजगारी दर में गिरावट का विश्लेषण
इस महीने पुरुषों के लिए बेरोजगारी दर 5 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है, साथ ही वर्कर पॉपुलेशन रेशियो अगस्त में बढ़कर 52.2% हो गया है। लेकिन सवाल यह है कि इस गिरावट का कारण क्या है? केंद्र सरकार ने इससे संबंधित कोई ठोस कारण नहीं बताया है। फिर भी, कुछ संभावित कारणों का संकेत मिलता है; जैसे मौसमी फैक्टर, सरकारी पहलों और आर्थिक सुधार।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट में ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले तीन महीनों से जारी निरंतर कमी का प्रभाव हो सकता है, जिसे मानसून और कृषि कार्यों से जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स का चालन भी रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति
भारत की जॉब मार्केट में सुधार होता दिखाई दे रहा है, लेकिन दूसरी ओर बेरोजगारी दर को 5.1% से और कम करने की आवश्यकता है। कुछ रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि अन्य आर्थिक संकेतक, जैसे थोक महंगाई की दर भी, रोजगार के अवसरों पर प्रभाव डाल सकती है।
उदाहरण के लिए, अगस्त में थोक महंगाई बढ़कर 0.52% पर पहुँच गई है, जिससे खाने-पीने के सामान की कीमतें बढ़ी हैं। जब महंगाई दर बढ़ती है, तो यह उपभोक्ता खर्च को प्रभावित करती है, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ बाधित हो सकती हैं।
समुदाय की प्रतिक्रिया
समुदाय की प्रतिक्रिया भी इस रिपोर्ट के शीर्षक से संबंधित है, जिसमें कई व्यक्तियों का मानना है कि सरकार को बेरोजगारी की समस्या पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। विशेष रूप से युवा बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है, जो उन्हें अपने कौशल को विकसित करने में मदद करें।
कुल मिलाकर, जबकि भारत में जॉब मार्केट के सुधार के संकेत हैं, यह स्पष्ट है कि हमें अभी और प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि बेरोजगारी दर को और कम किया जा सके। सही दिशा में उठाए गए कदम हमें एक ठोस और स्थायी रोजगार बाजार की ओर ले जा सकते हैं।
जुनून, महत्वाकांक्षा और मेहनत के साथ एक नई दिशा की ओर बढ़ते हुए, भारत की युवा शक्ति हमारे देश के भविष्य का निर्माण कर सकती है।
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