कर्नाटक: बच्चे के घाव पर टांके लगाने की बजाय फेवीक्विक से चिपकाया, माता-पिता ने बनाया वीडियो, नर्स निलंबित
बच्चे के माता-पिता ने घटना का वीडियो बनाया था। इसके बावजूद नर्स को निलंबित नहीं किया गया तो स्थानीय लोगों के बीच आक्रोश फैल गया। अब नर्स पर कार्रवाई हुई है।
कर्नाटक: बच्चे के घाव पर टांके लगाने की बजाय फेवीक्विक से चिपकाया, माता-पिता ने बनाया वीडियो, नर्स निलंबित
AVP Ganga - हाल ही में कर्नाटक में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक नर्स ने बच्चे के घाव पर टांके लगाने के बजाय फेवीक्विक का उपयोग किया। माता-पिता की शिकायत के बाद यह मामला उजागर हुआ और नर्स को निलंबित कर दिया गया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने लोगों के बीच व्यापक चिंता का सबब बना।
घटना का विवरण
कर्नाटक के एक स्वास्थ्य केंद्र में यह घटना तब हुई जब नर्स ने एक बच्चे की चोट को देखकर जो कि साइकिल के गिरने से हुई थी, उसे टांकने की प्रक्रिया के बजाय फेवीक्विक से चिपकाने का निर्णय लिया। बच्चा अपनी माँ के साथ स्वास्थ्य केंद्र आया था और उसके पैर पर गंभीर घाव था। नर्स द्वारा आडंबरपूर्ण तरीके से मोल के बजाय फेवीक्विक का उपयोग करने पर माता-पिता ने वीडियो बना लिया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस वीडियो के वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझा और नर्स को निलंबित कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "हम इस प्रकार की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" इसके अतिरिक्त, उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षित उपचार के लिए नई कार्यप्रणालियों को लागू करने का आश्वासन दिया।
परिवार की प्रतिक्रिया
बच्चे के माता-पिता ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही बच्चों के जीवन के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने कहा, "हमने अपने बेटे के इलाज के लिए अस्पताल का सहारा लिया था, लेकिन हमें यह नहीं सोचना चाहिए था कि ऐसी घटना घटित होगी। यह बेहद चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है।"
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है और त्वरित दंड की मांग की है। इस मामले ने राज्य के स्वास्थ्य उद्योग में विश्वास को भी कमजोर किया है, जिसे जल्द सुधारने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि चिकित्सा सेवाएँ सुरक्षित और संरक्षित हों। माता-पिता के रूप में, हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए कि हम अपने बच्चों को किस तरह के उपचार पर भरोसा करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित और जिम्मेदार होना चाहिए। इससे पहले कि कोई बच्चा लापरवाही का शिकार हो, हमें स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा।
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