ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को हाउस ऑफ हिमालयाज तथा मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये मिले दो प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड
दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को हाउस ऑफ हिमालयाज और मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना–रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड… The post ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को हाउस ऑफ हिमालयाज तथा मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये मिले दो प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड first appeared on .

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दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून: ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड को हाल ही में हाउस ऑफ हिमालयाज और मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए 2025 के प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह समारोह 20 सितम्बर 2025 को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें कई प्रमुख नीति निर्माताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों ने भाग लिया।
स्कॉच अवार्ड का महत्व
स्कॉच अवार्ड भारत में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए किए गए अभिनव प्रयासों को मान्यता प्रदान करता है। इसकी स्थापना 2003 में हुई थी और तब से यह पुरस्कार विभिन्न संस्थानों और परियोजनाओं को दिया जाता है, जो डिजिटल, वित्तीय, और सामाजिक समावेशन में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। इस बार, ग्राम्य विकास विभाग को आत्मनिर्भरता की दिशा में इसके समुदाय-केंद्रित विकास के प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया।
हाउस ऑफ हिमालयाज पहल
इस पहल के तहत, पर्वतीय क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय किसानों द्वारा तैयार उत्पादों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग, और मार्केटिंग में सहायता प्रदान की जा रही है। यह न केवल उत्तराखण्ड के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला रहा है, बल्कि स्थानीय समुदाय की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि का कारण बन रहा है। यह पहल क्षेत्रीय आदान-प्रदान और सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देती है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना
दूसरी ओर, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना ने युवाओं को स्वरोजगार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए हैं। यह योजना ग्रामीण युवाओं को आधुनिक तकनीकी, उद्यमशीलता, और व्यवसायिक प्रबंधन का अध्ययन करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और पलायन को कम करना है। इस योजना के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भी विभाग को स्कॉच अवार्ड–2025 प्राप्त हुआ।
अवॉर्ड प्राप्त करने वाली टीम
इस महत्वपूर्ण सम्मान को राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, ग्राम्य विकास की परियोजना समन्वयक एवं अपर सचिव सुश्री झरना कमठान ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. प्रमोद बेनीवाल, श्री गोविन्द धामी, और प्रेरणा ध्यानी समेत अन्य उपस्थित थे। उनके प्रयासों ने राज्य में ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
निष्कर्ष
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किए गए ये कार्यक्रम न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि स्थानीय श्रमिकों के कौशल विकास में भी सहायक हैं। यह पुरस्कार उन प्रयासों का प्रतीक है, जो हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चिंता करते हैं। इस प्रकार के इनिशिएटिव भविष्य की उम्मीदें जगाते हैं और इन्हें आगे बढ़ाने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।
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