Scientists’ Latest Revelation:अंटार्कटिका में पिघलती बर्फ को लेकर देश-दुनिया में रिसर्च चल रहे हैं। इधर, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून और बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका को लेकर सांझा शोध किया है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि प्रमुख वर्षा पट्टी दक्षिण की तरफ खिसक रही है। इससे भारतीय मानसून का पैटर्न प्रभावित हो रहा है। भविष्य में इसकी रफ्तार बढ़ सकती है। इसका असर कृषि, जल सुरक्षा और लाखों लोगों की आजीविका पर पड़ सकता है। बता दें कि यह वैज्ञानिक अध्ययन नागालैंड की लाइसोंग संरचना से मिली लगभग 3.4 करोड़ वर्ष पुरानी जीवाश्म पत्तियों पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने क्लाइमेट लीफ एनालिसिस मल्टीवेरिएट प्रोग्राम तकनीक से करोड़ों साल पहले जैसी जलवायु का निर्माण कर इसका अध्ययन किया। जांच में सामने आया कि उस दौर में अंटार्कटिका में जमी विशाल बर्फ की चादरों ने वर्षा प्रणाली को प्रभावित किया था।