पिता की दूसरी शादी की बात सुन बच्चों ने कर ली खुदकुशी, लोगों ने कहा-'सुसाइड नहीं हत्या है'

ओडिशा के नयागढ़ जिले के धनचंगड़ा गांव से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। पिता की दूसरी शादी की बात सुन दो बच्चों ने खुदकुशी कर ली है। लोगों को हत्या का शक है। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

Mar 11, 2025 - 04:33
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पिता की दूसरी शादी की बात सुन बच्चों ने कर ली खुदकुशी, लोगों ने कहा-'सुसाइड नहीं हत्या है'
पिता की दूसरी शादी की बात सुन बच्चों ने कर ली खुदकुशी, लोगों ने कहा-'सुसाइड नहीं हत्या है'

पिता की दूसरी शादी की बात सुन बच्चों ने कर ली खुदकुशी, लोगों ने कहा-'सुसाइड नहीं हत्या है'

AVP Ganga

लेखक: साक्षी दुबे, टीम नेतनागरी

हाल ही में एक अत्यंत दुखद घटना सामने आई है, जिसमें पिता की दूसरी शादी की खबर सुनकर दो बच्चों ने आत्महत्या का कदम उठाया। इस घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचाया है। स्थानीय लोगों का यही मानना है कि यह केवल आत्महत्या नहीं, बल्कि एक हत्या का केस है।

घटना का विवरण

यह भयावह घटना उस समय हुई जब बच्चों को अपने पिता द्वारा अपनी मां से अलग होने के बाद दूसरी शादी करने की बात पता चली। बच्चों की उम्र केवल 10 और 12 साल थी। यह खबर सुनकर बच्चों ने गहरे मानसिक दबाव का सामना किया, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या का सहारा लिया। मामला उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर का है, जहां इस घटना की चर्चा हर जगह हो रही है।

सामाजिक दृष्टिकोण

इस घटना ने समाज में कई सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही ही मुख्य कारण है। समुदाय के कुछ लोग इस स्थिति को 'सुसाइड' की बजाय 'हत्या' का नाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब एक माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे हालात में छोड़ता है, तो यह अनजाने में बच्चों के जीवन को खत्म करने जैसा होता है।

मनोरोग विशेषज्ञ की राय

मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. नीता सिंह का कहना है कि बच्चों की भावनाओं को समझना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को बच्चों के मनोबल को समझना चाहिए और उन्हें ऐसे मामलों में संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिए। बच्चों के लिए एक स्थिर और खुशहाल वातावरण आवश्यक है।

समाज और शासन का दायित्व

इस घटना से यह भी स्पष्ट हो गया है कि समाज और सरकार दोनों को बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं और एक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और समर्थन महसूस कराने का मौका मिलना चाहिए।

संकेत और सावधानियाँ

बच्चों के आसपास हो रहे किसी भी अनुसार बदलाव पर ध्यान देना जरूरी है। यदि कोई बच्चा सामान्य से ज्यादा चिंतित या उदास नजर आता है, तो परिवार, स्कूल और समाज को उसका ध्यान रखना चाहिए।

निष्कर्ष

यह घटना हमें याद दिलाती है कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य सबसे पहले आना चाहिए। माता-पिता को यह समझना होगा कि उनकी हर क्रिया बच्चों पर असर डालती है। लोगों का समर्थन और सही दिशा निर्देश ही अब इस प्रकार की घटनाओं को कम कर सकते हैं।

किसी भी समाज में बच्चों को प्राथमिकता देना आवश्यक है। उनकी खुशिया और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण हैं।

इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।

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