महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत आई
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई, जो फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी।

महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत आई
AVP Ganga
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतनागरी
महंगाई के संदर्भ में मिली बड़ी राहत से भारतीय उपभोक्ताओं में आशा की किरण जागी है। हाल ही के आंकड़ों के अनुसार, थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत हो गई है। यह दर फरवरी में 3.85 प्रतिशत थी, जो आर्थिक स्थिरता के संकेत देती है।
थोक मुद्रास्फीति की जानकारी
थोक महंगाई दर में यह गिरावट पिछले एक साल में देखने को मिली है। मार्च 2022 में यह आंकड़ा 7.89 प्रतिशत था, जो कि अब लगातार कम हो रहा है। इस गिरावट का मुख्य कारण कृषि, खाद्य और ऊर्जा वस्तुओं की कीमतों में कमी है।
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी
खाद्य वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति भी क्रमिक रूप से घटकर 0.93 प्रतिशत हो गई है। इसमें सब्जियों की कीमतों में महत्वपूर्ण कमी आई है, जो उपभोक्ताओं की जेब को राहत पहुंचा रही है। जैसे कि टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में गिरावट ने आम आदमी की खरीददारी को आसान बनाया है।
ऊर्जा वस्तुओं की भूमिका
ऊर्जा की कीमतों में भी कमी आई है, जिसने मुद्रास्फीति के आंकड़ों को और बेहतर बनाया है। हालाँकि, वैश्विक बाजार में तेल के दामों में आने वाली उच्चता को देखते हुए, इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
आर्थिक दृष्टीकोण
विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट से रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति पर भी प्रभाव पड़ेगा। यह संभावना जताई जा रही है कि RBI अपनी ब्याज दरें कम कर सकता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
मार्च में थोक मुद्रास्फीति में आई कमी एक सकारात्मक संकेत है, जो आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देती है। आम नागरिकों के लिए यह एक अच्छी खबर है, जो महंगाई के बोझ से राहत मिलती देख रहे हैं। आगे के आर्थिक विकास में यह एक महत्त्वपूर्ण पहलू साबित होगा।
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