हिमाचल की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद के बाहर शुक्रवार (14 नवंबर) को विवाद की स्थिति बन गई। यहां बाहरी मुस्लिम लोगों को जुमे की नमाज पढ़ने से रोक दिया गया। देवभूमि संघर्ष समिति और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच बहस भी हुई, लेकिन किसी भी बाहरी व्यक्ति को मस्जिद के अंदर नहीं जाने दिया गया। कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति संभाल ली। मस्जिद और संजौली बाजार में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही। शिमला के स्थानीय मुसलमानों को मस्जिद में जाने की अनुमति दी गई। संजौली मस्जिद को नगर निगम आयुक्त और जिला अदालत ने पहले ही अवैध घोषित किया हुआ है। इसी कारण बाहरी लोगों को अंदर जाने से रोका गया। महिलाओं ने नमाज पढ़ने आए लोगों को बाहर से ही वापस भेज दिया, जबकि कुछ लोग अंदर जाने की जिद करते रहे। पहले देखें मामले से जुड़े 3 PHOTOS.. अब सिलसिलेवार पढ़िए क्या है पूरा मामला.. महिलाएं बोलीं- पहले भी बाहरी लोगों ने माहौल खराब किया
स्थानीय महिलाओं ने कहा- पहले भी बाहरी राज्यों के लोगों ने माहौल खराब किया और मस्जिद आने वाले स्थानीय लोगों के घरों में ताक-झांक करते थे। इससे कॉलोनी के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे थे। इसी वजह से बीते साल संजौली मस्जिद को लेकर विवाद हुआ और देशभर में इसकी चर्चाएं रही। निगम आयुक्त ने दिए पूरी मस्जिद तोड़ने के आदेश
शिमला नगर निगम आयुक्त संजौली मस्जिद को अवैध करार दे चुके हैं। उन्होंने इसे तोड़ने के आदेश दे रखे है। उनके आदेशों पर ऊपर की दो मंजिल तोड़ी जा चुकी है। इस बीच वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने जिला अदालत में चुनौती दी। इससे निचली तीन मंजिल तोड़ने का काम रुक गया। बीते 30 अक्टूबर को जिला अदालत ने भी नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए हटाने के आदेश दिए है।