15 हजार लोगों से 47 करोड़ की ठगी का आरोपी सरकारी शिक्षक गिरफ्तार, हैरान कर देगा मामला
Teacher Arrested:15 हजार लोगों से 47 करोड़ रुपये की ठगी के मास्टर माइंड सरकारी स्कूल के टीचर को देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पेशे से सरकारी स्कूल का शिक्षक जगमोहन सिंह चौहान ने दून समृद्धि निधि लिमिटेड (सर्व माइक्रोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन) नाम से चिटफंड कंपनी खोलकर करीब 15 हजार लोगों के 47 करोड़ रुपये हजम कर लिए थे। आरोपी अपनी पत्नी के नाम पर चिटफंड कंपनी का संचालन कर रहा था। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, इस कंपनी के खिलाफ लोगों की निवेश की रकम को हड़पने के आरोप में कई शिकायतें मिली थी। जांच के दौरान पता लगा कि साल 2022 से संस्कार एन्कलेव, दून यूनिवर्सिटी रोड स्थित कंपनी कार्यालय खुला। वहां फाउंडर मेंबर जगमोहन सिंह चौहान ने लोगों को आरडी, एफडी और डीडीएस खाते खुलवाने का कार्यालय खोला। अधिक कमीशन के लालच में कंपनी की डायरेक्टर और आरोपी की पत्नी नीलम चौहान, जोनल हेड कमलेश बिजल्वाण (जीवनवाला भानियावाला), ब्रांच हेड कुसुम शर्मा (टीएचडीसी कालोनी), एडमिन मैनेजर अनित रावत (मोथरोवाला डांडी), कैशियर दीपिका और करीब 30 एजेंटों ने स्थानीय लोगों को फंसाया। एसएसपी के मुताबिक मुनाफे के लालच में कई लोग छोटी-मोटी कंपनियों में निवेश करते हैं। उन्होंने निवेशकों से अनुरोध किया है कि अपनी कमाई को निवेश करने से पूर्व कंपनी का सही प्रकार से सत्यापन करें। जांच परख करने के बाद ही निवेश करें।

15 हजार लोगों से 47 करोड़ की ठगी का आरोपी सरकारी शिक्षक गिरफ्तार, हैरान कर देगा मामला
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पेशेवर शिक्षक जगमोहन सिंह चौहान को देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस शिक्षक ने सरकारी स्कूल में काम करते हुए एक चिटफंड कंपनी की स्थापना की और लगभग 15 हजार लोगों से 47 करोड़ रुपये की ठगी की। यह मामला वास्तव में चौंका देने वाला है, क्योंकि इस धोखाधड़ी के पीछे एक ऐसा शख्स है, जो शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है।
थप्पड़ी की सफाई और कंपनी के संचालन का तरीका
जगमोहन सिंह चौहान ने अपनी पत्नी के नाम पर ‘दून समृद्धि निधि लिमिटेड’ (सर्व माइक्रोफाइनेंस इंडिया एसोसिएशन) नामक चिटफंड कंपनी का संचालन किया। इस कंपनी ने लोगों को आरडी, एफडी और डीडीएस खाते खोलने का लालच दिया। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि कई निवेशकों की शिकायतें मिली थीं, जो इस कंपनी के बारे में सचेत हो रहे थे।
ऐसे शुरू हुआ धोखाधड़ी का खेल
जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि यह कंपनी 2022 से संस्कार एन्कलेव, दून यूनिवर्सिटी रोड पर काम कर रही थी। जगमोहन सिंह के साथ इस धोखाधड़ी में उनकी पत्नी नीलम चौहान, जोनल हेड कमलेश बिजल्वाण, ब्रांच हेड कुसुम शर्मा, एडमिन मैनेजर अनित रावत, और कैशियर दीपिका शामिल थी। लगभग 30 एजेंटों ने स्थानीय लोगों को ठगा।
शिक्षक की गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई
देहरादून पुलिस ने इस चिटफंड कंपनी की चल रही धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए जगमोहन सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा है कि इस मामले में कई अन्य जांच भी जारी हैं। पीड़ित निवेशकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी कमाई को निवेश करने से पहले कंपनी का सत्यापन ध्यान से करें।
निवेशकों के लिए सलाह और चेतावनी
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बेरोज़गारी और वित्तीय समस्याओं के चलते लोग अक्सर कम जोखिम में उच्च लाभ की तलाश में होते हैं। एसएसपी ने सभी निवेशकों से यह सलाह दी है कि वे किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी सही जानकारी और सत्यापन करें।
निष्कर्ष
जगमोहन सिंह चौहान की यह कहानी सिर्फ धोखाधड़ी और चोरी की है। लेकिन यह भी एक चेतावनी है उन सभी के लिए जो बिना किसी शोध के निवेश करते हैं। ऐसे मामलों में सतर्कता बेहद महत्वपूर्ण है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक होना आवश्यक है।
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