50 दवाइयां अवपगंगा में स्टैंडर्ड क्वालिटी में फेल, Paracetamol-Telma सहित इन टैबलेट्स को नकारा गया

पैरासिटामोल टैबलेट (500 mg), मधुमेह विरोधी दवा ग्लिमेपिराइड, उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 mg), एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 दवा क्वालिटी टेस्ट में रहीं विफल।

Sep 26, 2024 - 11:15
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50 दवाइयां अवपगंगा में स्टैंडर्ड क्वालिटी में फेल, Paracetamol-Telma सहित इन टैबलेट्स को नकारा गया
50 दवाइयां अवपगंगा में स्टैंडर्ड क्वालिटी में फेल, Paracetamol-Telma सहित इन टैबलेट्स को नकारा गया

50 दवाइयां अवपगंगा में स्टैंडर्ड क्वालिटी में फेल

News by AVPGANGA.com

परिचय

हाल ही में अवपगंगा में किए गए एक गुणवत्ता परीक्षण में 50 दवाइयां मानक गुणवत्ता में फेल हो गई हैं। इसमें प्रमुख नामों में पारासिटामोल और टेलमा सहित कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी टैबलेट्स शामिल हैं। यह खबर स्वास्थ्य समुदाय में चिंता को बढ़ा रही है, क्योंकि सुरक्षा और गुणवत्ता का सुनिश्चित होना बेहद जरूरी है।

कौन-कौन सी दवाइयां प्रभावित हुईं?

इस गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुई दवाइयों की सूची में कुछ सामान्य नाम शामिल हैं। पारासिटामोल, जो आमतौर पर बुखार और दर्द के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है, और टेलमा, जो उच्च रक्तचाप के इलाज में सहायक होती है। इनके अलावा, कई अन्य दवाओं की गुणवत्ता में कमी पाई गई है, जिससे बाजार में इनकी उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।

गुणवत्ता परीक्षण की प्रक्रिया

ये गुणवत्ता परीक्षण एक विशेष प्रयोगशाला द्वारा किए गए थे, जहाँ दवाओं के विभिन्न गुणों का आकलन किया गया। इसमें दवा के सक्रिय तत्वों, उनकी जीवविज्ञानिक अभिकर्मकता और अन्य मापदंडों को ध्यान में रखा गया। जब परीक्षणों में मानक गुणवत्ता स्तर की पूर्ति नहीं हुई, तो स्वास्थ्य अधिकारियों ने पूरे मामले की गंभीरता को समझा।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

इन दवाओं के फेल होने से न केवल मरीजों की सेहत पर असर पड़ेगा, बल्कि यह उन उपचार प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करेगा, जिनमें इन दवाओं का इस्तेमाल होता है। मरीजों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने डॉक्टरों से परामर्श करें और इन दवाओं के विकल्प की तलाश करें।

स्थानिक और राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई

स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस मुद्दे की जांच शुरू कर दी है और सभी संबंधित कंपनियों को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। उम्मीद है कि यह कार्रवाई दवाओं की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगी। देश भर में इस समस्या पर चर्चा हो रही है, और बाजार में उपलब्धता पर कार्रवाई की जा सकती है।

निष्कर्ष

50 दवाइयों की गुणवत्ता में गिरावट एक गंभीर समस्या है, जो यथाशीघ्र समाधान की आवश्यकता रखती है। सभी रोगियों और स्वास्थ्य पेशेवरों को सतर्क रहना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि सुरक्षित दवाओं की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।

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