Alert: सस्ते के चक्कर में टनों-टन जहरीला पनीर खपा रहे लोग, बाजार में मिलने वाला 7% ही असली
Adulterated Paneer: हाल ही में दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने 1400 किलो नकली पनीर पकड़ा। जो यूपी के अलीगढ़ की एक फैक्ट्री में खतरनाक केमिकल की मदद से तैयार किया जा रहा था। पुलिस ने वो फैक्ट्री भी सील कर दी है। इससे पहले भी इसी साल अप्रैल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फूड डिपार्टमेंट ने पनीर के 122 सैंपल की जांच की। इसमें से 83 प्रतिशत में मिलावट पाई गई। जबकि 40 प्रतिशत पनीर ऐसा मिला। जिसे खाने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे ही एक जांच कर्नाटक में की गई। जहां पनीर के 163 सैंपल में से सिर्फ चार पास हुए। बाकी फेल हो गए। लखनऊ में पनीर के 50 प्रतिशत सैंपल फेल गए। ये पनीर 160 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था।

Alert: सस्ते के चक्कर में टनों-टन जहरीला पनीर खपा रहे लोग, बाजार में मिलने वाला 7% ही असली
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आपके भोजन में पहुंचने वाले पनीर की सुरक्षा पर सवाल उठते हुए, हाल ही में एक गंभीर मामले ने दिल्ली से सटे नोएडा में खलबली मचा दी है। पुलिस ने 1400 किलो नकली पनीर को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक फैक्ट्री में खतरनाक केमिकल का उपयोग कर तैयार किया जा रहा था। इस घटना ने देशभर में पनीर की गुणवत्ता और उसकी मिलावट के खिलाफ जागरूकता को उत्प्रेरित किया है।
पनीर की मिलावट का विकराल मामला
नोएडा के फूड डिपार्टमेंट ने भारी मात्रा में पनीर की गुणवत्ता की जांच की, जिसमें से 83 प्रतिशत नमूने मिलावटी पाए गए। इसके साथ ही, लगभग 40 प्रतिशत पनीर ऐसा था जिसे खाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस साल अप्रैल में की गई एक जांच में पाया गया था कि 122 सैंपल में से केवल 7 प्रतिशत नमूने ही असली थे।
कर्नाटक और लखनऊ की जांच में भी घोटाले का पर्दाफाश
कर्नाटक में भी हालात कम गंभीर नहीं हैं, जहां 163 पनीर के सैंपल में से केवल चार पास हुए हैं। लखनऊ में भी पनीर के 50 प्रतिशत सैंपल अस्वीकृत कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि बाजार में मिलने वाला यह पनीर 160 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास बिकता है, और उपभोक्ता अक्सर सस्ते के चक्कर में इसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते।
क्या हैं इस समस्या के कारण?
सस्ते पनीर का उपभोग करने के पीछे कई कारण हैं। उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग और कम लागत के चलते कुछ निर्माता मिलावटी और गुणवत्ता में खामी वाले उत्पादों को बाजार में उतार देते हैं। यह आत्मीयता का मामला नहीं है, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा भी है। जानकारों का मानना है कि इस घोटाले का प्रमुख कारण उचित नवाचार और गुणवत्ता की कमी है।
आगे का रास्ता
इस प्रकार की घटनाओं को देखते हुए आवश्यक है कि उपभोक्ता अधिक सावधानी बरतें और केवल सुनिश्चित और प्रमाणित ब्रांडों से ही उत्पाद खरीदें। इसके साथ ही, प्रशासन को भी सख्त एक्शन लेने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे घोटालों पर रोक लगाई जा सके।
एक उपभोक्ता के रूप में, हमें यह जानना और समझना आवश्यक है कि हम किस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर सही चुनाव करना बेहद जरूरी है।
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