धराली में हारदूधु मेले में गए थे कई लोग, नहीं हो रहा संपर्क, हर्षिल की तरफ दोनों मार्ग बंद
उत्तरकाशी : धराली गांव में आई आपदा में लापता लोगों की संख्या को लेकर अभी स्थिति स्पष्टता नहीं है। भटवाड़ी व मुखबा गांव के स्थानीय लोगों की मानें तो धराली गांव में हारदूधु मेले में कई लोग गए थे, लेकिन इनसे संपर्क नहीं हो रहा है। आपदा के दूसरे दिन भी बचाव व राहत कार्य […] The post धराली में हारदूधु मेले में गए थे कई लोग, नहीं हो रहा संपर्क, हर्षिल की तरफ दोनों मार्ग बंद appeared first on Dainik Uttarakhand.

धराली में हारदूधु मेले में गए थे कई लोग, नहीं हो रहा संपर्क, हर्षिल की तरफ दोनों मार्ग बंद
उत्तरकाशी: धराली गांव में आई आपदा में लापता लोगों की संख्या को लेकर स्थिति वर्तमान में स्पष्ट नहीं है। भटवाड़ी और मुखबा गांव के स्थानीय निवासियों का कहना है कि धराली गांव में हारदूधु मेले में कई लोग गए थे, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। आपदा के दूसरे दिन भी बचाव और राहत कार्य जारी रहा, जिसमें दो शव बरामद हुए, जिससे मृतकों की कुल संख्या छह हो गई है, जबकि लापता लोगों की संख्या 15 के लगभग बताई जा रही है।
आपदा का असर और बुनियादी समस्याएं
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हारदूधु मेले में मुखवा, भटवाड़ी समेत आसपास के विभिन्न गांवों के लोग शामिल होने आए थे। आपदा के कारण इलाके में बिजली सप्लाई ठप हो गई है और नेटवर्क कनेक्टिविटी भी पूरी तरह बाधित हो गई है, जिससे संपर्क करना कठिन हो गया है।
मुखबा गांव के निवासी सुनील सेमवाल का बयान है कि धराली में हुई आपदा के बाद से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इसके अलावा, हर्षिल की तरफ जाने वाले दोनों मार्ग भी बंद हैं, जिससे बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है। भटवाड़ी के प्रमोद नौटियाल ने भी बताया कि नेताला में सड़क बंद हो जाने के कारण स्थानीय प्रशासन को वहीं पर लौटने की मजबूरी आई।
बचाव कार्य का संचालन
उपायुक्त ने जानकारी दी है कि जैसे ही मौसम साफ होगा, बचाव कार्य में तेजी लाई जाएगी, और लापता व्यक्तियों के बारे में और अधिक स्पष्टता प्राप्त होगी। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से धैर्य रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता पर किया जाएगा।
इस स्थिति ने स्थानीय समुदाय में चिंता और घबराहट पैदा कर दी है। जिससे प्रशासन और स्थानीय लोग, दोनों एकजुट होकर कार्यरत हैं ताकि खराब मौसम में भी जनता का जीवन बचाया जा सके।
आपदा प्रबंधन और स्थानीय प्रतिक्रिया
यह भी स्पष्ट है कि आपदा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि संचार व्यवस्था के अभाव में बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस स्थिति में स्थानीय लोगों की मदद करने के लिए सामुदायिक प्रयासों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है।
उम्मीद की किरण?
हालांकि स्थिति गंभीर है, लेकिन स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर प्रयास कर रहे हैं ताकि लापता व्यक्तियों की खोज की जा सके। सभी की नजरें अब मौसम की स्थिति पर हैं, जिससे राहत कार्य को चलाना संभव हो सकेगा। इस आपदा में मिली हानि के बावजूद, स्थानीय समुदाय एक साथ मिलकर पुनर्निर्माण की दिशा में काम करने के लिए तैयार है।
इस आपदा के विस्तृत विवरण और बचाव कार्यों की प्रगति पर जानकारी के लिए नियमित रूप से अद्यतित रहने के लिए यहां देखें।
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