BBC बोली-मूसेवाला डॉक्यूमेंट्री रोकने का अधिकार UK के पास:इस पर भारतीय कानून लागू नहीं होता, कोर्ट में जवाब दाखिल, अगली सुनवाई 21 जुलाई को
सिद्धू मूसेवाला की डॉक्यूमेंट्री को लेकर चल रहे विवाद पर 1 जुलाई को हुई सुनवाई में बीबीसी के वकीलों ने अपना जवाब अदालत में दाखिल कर दिया है। बीबीसी ने साफ कहा है कि डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने और रोकने का अधिकार केवल बीबीसी यूके के पास है, क्योंकि यह डॉक्यूमेंट्री वहीं रिलीज की गई है। इसलिए भारत का कानून इस पर लागू नहीं होता। बीबीसी ने साथ ही मांग की है कि इस मामले में रिपोर्टर, प्रोड्यूसर अंकुर जैन और मुंबई स्थित बीबीसी ऑफिस को पार्टी न बनाया जाए। बीबीसी की तरफ से यह भी दलील दी गई कि डॉक्यूमेंट्री से सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस की जांच या अदालती प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी, जिसमें मूसेवाला परिवार के वकील अपना पक्ष अदालत में रखेंगे। पिता ने अदालत में दी है यह दलील पिता बलकौर सिंह ने दलील दी है कि 'सिद्धू मूसेवाला पर खोजी डॉक्यूमेंट्री' में बिना अनुमति के संवेदनशील, अप्रकाशित और अनधिकृत सामग्री दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री में हत्या से जुड़ी चालू आपराधिक जांच से संबंधित व्यक्तिगत गवाहियां और टिप्पणियां शामिल हैं, जो न सिर्फ जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकती हैं, बल्कि इससे जनता में अशांति भी फैल सकती है। बलकौर सिंह ने यह भी दावा किया कि डॉक्यूमेंट्री से परिवार के कानूनी अधिकारों, निजता और दिवंगत बेटे की गरिमा का उल्लंघन हो रहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी, जिसमें मूसेवाला परिवार के वकील अपना पक्ष रखेंगे। डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू की कहानी बताई BBC ने 11 जून को सिद्धू मूसेवाला पर बनाई डॉक्यूमेंट्री "दा किलिंग कॉल" के 2 एपिसोड रिलीज कर दिए हैं। सिद्धू के पिता बलकौर सिंह के एतराज के बावजूद इसे रिलीज किया गया है। इस मामले में उन्होंने कोर्ट में एप्लिकेशन भी दायर की है, डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड में मूसेवाला के शुरुआती जीवन, प्रसिद्धि की ओर बढ़ने और उनके करियर से जुड़े विवाद दिखाए गए हैं। वहीं, दूसरे भाग में उनकी हत्या को दिखाया गया है। डॉक्यूमेंट्री में कई पत्रकारों, उनके दोस्तों और दिल्ली व पंजाब पुलिस के 2 अधिकारियों के इंटरव्यू हैं। वीडियो में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का ऑडियो संदेश भी है। गोल्डी बराड़ पर 29 मई 2022 को मानसा जिले के गांव जवाहर के में मूसेवाला की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। BBC इंडिया की डॉक्यूमेंट्री में कोई भूमिका नहीं पिछली सुनवाई पर वकील भाटिया ने कोर्ट में बताया कि BBC इंडिया का डॉक्यूमेंट्री के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी। उनकी भूमिका केवल भारत में स्क्रीनिंग की योजना तक सीमित थी। डॉक्यूमेंट्री यू-ट्यूब पर BBC वर्ल्ड सर्विस द्वारा रिलीज की गई है और सोशल मीडिया पर वैश्विक रूप से देखी जा चुकी है।

BBC बोली-मूसेवाला डॉक्यूमेंट्री रोकने का अधिकार UK के पास: इस पर भारतीय कानून लागू नहीं होता, कोर्ट में जवाब दाखिल, अगली सुनवाई 21 जुलाई को
सिद्धू मूसेवाला की डॉक्यूमेंट्री के विवादित प्रसारण को लेकर बीबीसी की स्थिति साफ हो गई है। एक जुलाई 2025 को हुई सुनवाई में, बीबीसी के वकीलों ने अदालत में स्पष्ट रूप से कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री को रोकने या प्रसारित करने का अधिकार केवल बीबीसी यूके के पास है। इस पर भारत का कानून लागू नहीं होता। यह मामला खासा चर्चा में रहा है और अब आगामी सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
बीबीसी का आरोप
बीबीसी ने न्यायालय में यह भी दलील दी है कि इस मामले में शामिल रिपोर्टर, प्रोड्यूसर अंकुर जैन और मुंबई स्थित बीबीसी ऑफिस को पार्टी न बनाए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही बीबीसी ने यह भी कहा कि डॉक्यूमेंट्री का सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस की जांच या अदालती प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मूसेवाला परिवार की दलीलें
सिद्धू मूसेवाला के पिता, बलकौर सिंह, ने अदालत में यह दलील दी है कि डॉक्यूमेंट्री में संवेदनशील और अप्रकाशित सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। उनका मानना है कि ये सामग्री हत्या के मामले से संबंधित व्यक्तिगत गवाही और टिप्पणियों को शामिल करती है, जो न केवल जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकती हैं, बल्कि देश में अशांति भी फैला सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से उनके दिवंगत बेटे की गरिमा और परिवार के कानूनी अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
डॉक्यूमेंट्री की सामग्री
11 जून को बीबीसी ने सिद्धू मूसेवाला पर आधारित डॉक्यूमेंट्री "दा किलिंग कॉल" के दो एपिसोड रिलीज किए थे। पहले एपिसोड में मूसेवाला के प्रारंभिक जीवन और करियर के विवाद दर्शाए जाते हैं, जबकि दूसरे एपिसोड में उनकी हत्या का प्रसंग शामिल है। डॉक्यूमेंट्री में, पत्रकारों, दोस्तों और पुलिस अधिकारियों के इंटरव्यू भी शामिल हैं। विशेष रूप से, इस वीडियो में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का ऑडियो संदेश भी है, जो मूसेवाला की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोपित है।
बीबीसी इंडिया की भूमिका
पिछली सुनवाई में, वकील भाटिया ने बताया कि बीबीसी इंडिया का इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण में कोई सीधा रोल नहीं था। उनका काम सिर्फ भारत में स्क्रीनिंग तक ही सीमित था। डॉक्यूमेंट्री को यू-ट्यूब पर बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा रिलीज किया गया है और इसे वैश्विक स्तर पर देखा जा चुका है।
अगली सुनवाई का इंतजार
अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी, जिसमें मूसेवाला परिवार के वकील अपना पक्ष रखेंगे। यह सुनवाई न केवल परिवार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सिद्धू मूसेवाला को लेकर पैदा हुए अन्य सवालों का भी समाधान खोजने का एक अवसर होगा।
इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से एक बार फिर सिद्धू मूसेवाला की कहानी को जगजाहिर किया गया है, और इसकी कानूनी पेंचिदगी ने इस मामले को और अधिक जटिल बना दिया है। देखते हैं कि कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेती है।
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