BIMSTEC Summit: पीएम मोदी ने जनरल मिन आंग ह्लाइंग से की मुलाकात, कहा 'मुश्किल वक्त में म्यांमार के साथ है भारत'
बैंकॉक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर इस बारे में जानकारी दी है। भारत और म्यांमार के बीच द्विपक्षीय संबंधों समेत अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है।

BIMSTEC Summit: पीएम मोदी ने जनरल मिन आंग ह्लाइंग से की मुलाकात, कहा 'मुश्किल वक्त में म्यांमार के साथ है भारत'
AVP Ganga
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
बिम्सटेक समिट के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के जनरल मिन आंग ह्लाइंग से प्रगाढ़ मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा म्यांमार के साथ खड़ा रहेगा, खासकर मुश्किल समय में। यह प्रयास बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुलाकात का महत्व
यह मुलाकात बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी के देशों का बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) के 5वें शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई। भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार इस संगठन के सदस्य देश हैं। इस संधि के जरिए इन देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है।
भारत और म्यांमार के संबंध
अत्यंत महत्वपूर्ण है कि भारत म्यांमार में वर्तमान स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त कर रहा है। पीएम मोदी का यह बयान यह दर्शाता है कि भारत म्यांमार के साथ खड़े होकर उसके राजनीतिक और आर्थिक सुधारों का समर्थन करेगा। भारत ने हमेशा म्यांमार में लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली का समर्थन किया है।
उदारीकरण के कदम
पीएम मोदी ने जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात करते हुए, म्यांमार के विकास हेतु कई योजनाओं की चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का भी आग्रह किया, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे। यह बैठक न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे बिम्सटेक क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी और जनरल मिन आंग ह्लाइंग की यह मुलाकात बताती है कि भारत म्यांमार के साथ अपने संबंधों को कैसे और भी मजबूत करना चाहता है। इस तरह के वार्तालापों से न केवल दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास की संभावनाएँ भी जागृत होंगी।
सभी को ध्यान में रखते हुए, यह मुलाकात बिम्सटेक समिट की सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत के इस सकारात्मक कदम से निसंदेह म्यांमार और अन्य देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाएँ खुलेंगी।
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