Budget 2025: राहुल गांधी ने बजट को बताया- 'गोली के घाव पर मरहम पट्टी'; जानें और क्या बोले

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया है। वहीं इस बजट पर अलग-अलग दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। आइये जानते हैं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट को लेकर क्या कहा है?

Feb 1, 2025 - 17:33
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Budget 2025: राहुल गांधी ने बजट को बताया- 'गोली के घाव पर मरहम पट्टी'; जानें और क्या बोले

Budget 2025: राहुल गांधी ने बजट को बताया- 'गोली के घाव पर मरहम पट्टी'; जानें और क्या बोले

AVP Ganga
लेखक: साक्षी वर्मा, नेटनागरी टीम

परिचय

भारत के वित्त मंत्री ने हाल ही में बजट 2025 पेश किया, जिसे लेकर विपक्ष में बवाल मच गया है। कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "गोली के घाव पर मरहम पट्टी" बताया। उनकी यह टिप्पणी बजट की वास्तविकता को लेकर चिंता और असंतोष का प्रतीक है। आइए जानते हैं राहुल गांधी ने और क्या कहा और इस बजट की मुख्य बातें क्या हैं।

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने बजट में विभिन्न मुद्दों को उठाया, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी, और विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह बजट असल में लोगों की समस्याओं को दूर करने में असफल रहा है। सरकार ने सिर्फ दिखावटी योजनाओं की घोषणा की है, जबकि धरातल पर स्थिति कुछ और ही है।" उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह सरकार की नीतियों को लेकर कितने चिंतित हैं।

बजट की मुख्य बातें

बजट 2025 में कई प्रमुख आवंटन किए गए हैं। वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की वकालत की है। हालांकि, कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह बजट उनके चुनावी वादों से बहुत पीछे है।

बजट में पेश किए गए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:

  • स्वास्थ्य क्षेत्र में 20% की वृद्धि की घोषणा की गई है।
  • शिक्षा में डिजिटल प्लेटफॉर्म को प्रोत्साहन देने का एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है।
  • किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा।
  • बेरोजगारी निवारण के लिए युवा योजनाओं का विस्तार।

क्या हैं कांग्रेस की आपत्तियां?

राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने इस बजट को केवल स्थिति को सुधारने के बजाय वास्तविक समाधान प्रदान करने में असफल बताया। उनकी चिंता यह है कि बजट आम आदमी की आवश्यकताओं को पूरा करने के बजाय सरकार की छवि को चमकाने का प्रयास है। गांधी ने कहा कि "वास्तविक विकास तब होगा जब रोजगार बढ़ेंगे और आम आदमी की आवाज सुनी जाएगी।"

निष्कर्ष

बजट 2025 पर राहुल गांधी का यह बयान भारत की वित्तीय स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है। विपक्ष की आवाजों को सुनना और उन पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि देश के विकास की दिशा सही हो सके। सरकार को चाहिए कि वह वास्तविकता को समझे और ऐसे कदम उठाए, जो आम जनता के लिए फायदेमंद हों। इस बजट की आलोचना एक संकेत है कि राजनीतिक संवाद की आवश्यकता बहुत अधिक है।

कम शब्दों में कहें तो, राहुल गांधी का "गोली के घाव पर मरहम पट्टी" कहना इस बजट की सीमाओं को दिखाता है और ये दर्शाता है कि आम आदमी के मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

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