Budget 2025 : 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की जरूरत, इंश्योरेंस सेक्टर को बजट से हैं बहुत उम्मीदें

1 फरवरी को पेश होने जा रहे बजट से बीमा कंपनियों को कई उम्मीदें हैं। देश की बीमा पहुंच 2022-23 में चार प्रतिशत की तुलना में 2023-24 में 3.7 प्रतिशत थी। जीवन बीमा उद्योग की पहुंच 2022-23 में तीन प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 2023-24 के दौरान 2.8 प्रतिशत हो गई।

Jan 25, 2025 - 12:33
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Budget 2025 : 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की जरूरत, इंश्योरेंस सेक्टर को बजट से हैं बहुत उम्मीदें
Budget 2025 : 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की जरूरत, इंश्योरेंस सेक्टर को बजट से हैं बहुत उम्मी�

Budget 2025: 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की जरूरत, इंश्योरेंस सेक्टर को बजट से हैं बहुत उम्मीदें

लेखिका: पायल वर्मा, टीम नेटानगरी

AVP Ganga

परिचय

जैसे-जैसे हम बजट 2025 की ओर बढ़ रहे हैं, कई क्षेत्रों के लिए उम्मीदें बढ़ रही हैं। खासकर इंश्योरेंस सेक्टर को इससे बहुत उम्मीदें हैं। टैक्स नियमों में बदलाव की आवश्यकता विशेष रूप से धारा 80सी और 80डी में महसूस की जा रही है। यह लेख इस परिदृश्य का विश्लेषण करेगा और समझाएगा कि क्यों ये बदलाव जरूरी हैं।

80सी और 80डी के महत्व

भारत में, धारा 80सी और 80डी व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण हैं। धारा 80सी के तहत, निवेशकों को विभिन्न निवेश साधनों में किए गए निवेश के लिए कर छूट मिलती है, जैसे कि पीपीएफ, ELSS तथा अन्य। वहीं, धारा 80डी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट प्रदान करती है। ये दोनों धाराएँ न केवल व्यक्तिगत वित्त को प्रबंधित करने में मदद करती हैं, बल्कि वित्तीय सुरक्षा को भी बढ़ाती हैं।

बदलाव की आवश्यकता

वर्तमान स्थितियों को देखते हुए, इन धाराओं में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अर्थव्यवस्था की स्थिति और लोगों की बढ़ती जरूरतों के संदर्भ में, कर छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। इससे न केवल अधिक लोगों को टैक्स लाभ मिलेगा, बल्कि यह इंश्योरेंस सेक्टर को भी मजबूत करेगा।

इंश्योरेंस सेक्टर की इच्छाएं

इंश्योरेंस उद्योग ने हाल के वर्षों में काफी उन्नति की है, लेकिन इसमें अभी भी काफी संभावनाएँ हैं। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि 80सी और 80डी में आवश्यक बदलावों से अधिक लोग बीमा के प्रति आकर्षित होंगे। विशेष रूप से, युवा आबादी में स्वास्थ्य बीमा की प्रीमियम के लिए कर छूट की सीमा को बढ़ाने से इस क्षेत्र में वृद्धि होगी।

बजट से उठ रहे प्रश्न

बजट 2025 से पहले, वित्त मंत्रालय को इस बात पर विचार करना चाहिए कि कैसे टैक्स धाराएँ सामान्य जनता की आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं। इसे न केवल व्यक्तिगत वित्तीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से, बल्कि पूरे आर्थिक विकास के संदर्भ में देखना चाहिए।

निष्कर्ष

अंत में, यह कहा जा सकता है कि बजट 2025 में 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव आवश्यक हैं। इससे न केवल इंश्योरेंस सेक्टर को मजबूती मिलेगी, बल्कि आम नागरिकों को भी लाभ होगा। आने वाले समय में इन बातों पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे हम बजट की ओर बढ़ते हैं, उम्मीद करते हैं कि वित्त मंत्रालय इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा।

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