Budget 2025: मारुति और टाटा ने वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीदें, बजट में घरेलू मांग बढ़ाने पर दिया जाए जोर
बालाजी ने कंपनी के तिमाही नतीजों पर चर्चा में कहा कि अच्छे त्योहारी मौसम के बाद कई कारकों की वजह से मांग कमजोर रही है। इसमें नकदी की तंग स्थिति और बाजार की स्थिति का ‘बहुत अच्छा नहीं होना जैसे कारक शामिल हैं।

Budget 2025: मारुति और टाटा ने वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीदें, बजट में घरेलू मांग बढ़ाने पर दिया जाए जोर
AVP Ganga
लेखक टीम: नेतानागरी
भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अब एक नया मोड़ आने वाला है, जहाँ मारुति और टाटा जैसी प्रमुख कार निर्माता कंपनियों ने वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीदें जताई हैं। बजट 2025 में घरेलू मांग बढ़ाने पर जोर देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि ये कंपनियां क्या चाहती हैं और इस बजट का संभावित प्रभाव क्या हो सकता है।
मारुति और टाटा की अपेक्षाएँ
मारुति सुजुकी, जो भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है, ने कहा है कि सरकार को घरेलू मांग बढ़ाने के लिए उपयुक्त नीतियां बनानी चाहिए। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “अगर बजट में सही दिशा में कदम उठाए गए तो हम बिक्री में बड़ी वृद्धि देख सकते हैं।”
वहीं, टाटा मोटर्स ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि उनका ध्यान इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र पर हो, जो भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। विशेषकर, साफ-सुथरे और हरित परिवहन के लिए बजट में अधिक निवेश की आवश्यकता है।
घरेलू मांग को बढ़ाने के उपाय
बजट 2025 में घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। पहला, नए टैक्स इंसेंटिव्स और सब्सिडीज का प्रदान किया जाना। इससे उपभोक्ताओं को वाहन खरीदने में आसानी होगी। दूसरा, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतियों का निर्माण।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार अपने बजट में कारों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सही निर्णय लेती है, तो इससे न केवल ऑटोमोबाइल कंपनियों को लाभ होगा, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
भविष्य की संभावनाएं
अगर सरकार इन सुझावों पर विचार करती है, तो हम आने वाले वर्षों में हलचल देखेंगे। मारुति और टाटा दोनों कंपनियों ने नई तकनीकों और ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उन्हें बाजार में बढ़त मिल सकती है।
निष्कर्ष
बजट 2025 का प्रभाव न केवल ऑटोमोबाइल कंपनियों, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि पर भी पड़ेगा। मारुति और टाटा जैसे उद्योग के नेताओं की मांगें सुनने वाली सरकार, भविष्य में एक स्थायी और प्रगतिशील बाजार का निर्माण कर सकती है। यदि सरकार ने सही कदम उठाए, तो इसका लाभ अंततः उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
इस तरह, बजट 2025 के संदर्भ में बातचीत अब शुरू हो चुकी है, जहाँ बाजार और उपभोक्ता दोनों की संभावनाएं खुलने जा रही हैं। अधिक जानकारी के लिए, avpganga.com पर जाएं।
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