'CMO दिल्ली’ को मिला उसके ऑफिशयल X हैंडल का कंट्रोल, बीजेपी ने केजरीवाल पर लगाया था हाईजैक का आरोप
भाजपा ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर सीएमओ के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट को "हाईजैक" करने का आरोप लगाया था और उपराज्यपाल वी के सक्सेना से हस्तक्षेप की मांग की थी।

CMO दिल्ली’ को मिला उसके ऑफिशयल X हैंडल का कंट्रोल, बीजेपी ने केजरीवाल पर लगाया था हाईजैक का आरोप
AVP Ganga
लेखिका: साक्षी गुप्ता, टीम नेतानगरी
परिचय
दिल्ली में राजनीति के नए मोड़ में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार को हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव का सामना करना पड़ा। दिल्ली के मुख्य सूचना अधिकारी (CMO) को अब उसके ऑफिशियल X हैंडल का कंट्रोल मिला है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसपर केजरीवाल पर हमला करते हुए हाईजैक का आरोप लगाया है। यह मामला केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे दिल्ली के राजनीतिक माहौल में एक नई हलचल दिखाई दे रही है।
घटना का विवरण
भविष्य में सोशल मीडिया का उपयोग राजनीति में संचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। हालिया घटनाक्रम में, जब CMO दिल्ली ने अपने X हैंडल का नियंत्रण हासिल किया, तब बीजेपी ने सवाल उठाए कि क्या यह केजरीवाल की राजनीतिक चाल थी। बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने सरकारी सोशल मीडिया हैंडल का प्रयोग अपनी पार्टी के प्रचार के लिए किया। इसके बाद, CMO ने स्पष्ट किया कि यह कदम कर्मचारियों के काम को सरल बनाने और पारदर्शिता लाने के लिए है।
बीजेपी का आरोप
बीजेपी के प्रवक्ताओं ने इस मुद्दे पर तीखा बयान दिया है। उनका कहना है, "केजरीवाल सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग किया है।" ऐसे कई आरोप पहले भी उन पर लगे हैं, जिसमें सरकारी प्रचार को पार्टी के हित में मोड़ने का गठजोड़ शामिल है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और CMO की नई भूमिके को केन्द्रित सकारात्मक कदम बताया है।
पारदर्शिता और डिजिटल युग
इस निर्णय को डिजिटल युग में पारदर्शिता का कदम माना जा रहा है। जहां एक ओर यह दिल्ली सरकार के कामकाज को जनता के सामने लाएगा, वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी इसे केवल राजनीतिक चतुराई बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। डिजिटल मीडिया पर नियंत्रण के इस बदलाव का पूरा असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
सामाजिक मीडिया पर नियंत्रण और उसकी भूमिका भारतीय राजनीति में तेजी से बढ़ रही है। यह घटनाक्रम यह दिखाता है कि कैसे राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को डिजिटल प्लेटफार्मों पर लागू करते हैं। आपसी आरोप-प्रत्यारोप के इस खेल में, दिल्ली के नागरिकों को असली तथ्य जानने की आवश्यकता है। अब देखना यह है कि CMO के इस कदम का राजनीतिक नतीजा क्या होगा।
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