Economic Survey: 7 दिन में 55-60 घंटे से ज्यादा काम करना मेंटल हेल्थ के लिए हानिकारक

समीक्षा में सैपियन लैब्स सेंटर फॉर ह्यूमन ब्रेन एंड माइंड की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा गया, ''कहा गया कि डेस्क पर लंबा समय बिताना कर्मचारी के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और जो व्यक्ति डेस्क पर रोजाना 12 या इससे ज्यादा समय बिताता है, उसे मेंटल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों से जूझना पड़ता है।''

Jan 31, 2025 - 17:33
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Economic Survey: 7 दिन में 55-60 घंटे से ज्यादा काम करना मेंटल हेल्थ के लिए हानिकारक

आर्थिक समीक्षा: 7 दिन में 55-60 घंटे से ज्यादा काम करना मेंटल हेल्थ के लिए हानिकारक

AVP Ganga | लेखिका: सुमित्रा शर्मा, टीम नेतानागरी

हाल ही में जारी की गई आर्थिक समीक्षा में यह चेतावनी दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति 7 दिन में 55-60 घंटे से ज्यादा काम करता है, तो यह उसकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इस रिपोर्ट ने कामकाजी जीवन और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध को उजागर किया है, और यह दर्शाया है कि अत्यधिक श्रम केवल वैतनिक प्रभाव ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य विकारों का कारण भी बन सकता है।

आर्थिक नुकसान और मानसिक स्वास्थ्य

रिपोर्ट के अनुसार, लगातार लंबे घंटे काम करना कर्मचारियों की उत्पादकता कम करता है। यह न केवल दोबारा काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक अवसाद, तनाव और चिंता जैसे गंभीर मुद्दों को भी जन्म देता है। आंकड़ों के अनुसार, उन कर्मचारियों में, जो 60 घंटे से ज्यादा काम करते हैं, वे अवसाद और चिंता के उच्च स्तर का अनुभव करते हैं।

कार्य-life संतुलन का महत्व

विशेषज्ञों ने बताया है कि कार्य-life संतुलन बनाना आवश्यक है। जब व्यक्ति की कार्य करने की अवधि सीमित होती है, तो वह न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, बल्कि इससे उसका व्यक्तिगत जीवन भी प्रभावित होता है। कार्य करते समय ब्रेक लेना, शौक विकसित करना और परिवार के साथ समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सरकारी नीतियों की आवश्यकता

इन निष्कर्षों के आधार पर, सरकार को इस दिशा में कुछ ठोस नीतियों की आवश्यकता है, जो काम के घंटे को नियंत्रित करने में सहायक हों। वैज्ञानिक अध्ययन और आंकड़े बहुत स्पष्ट हैं कि लंबे घंटे काम करने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक विकास को भी कमजोर करता है।

समापन

आर्थिक समीक्षा इस बात की पुष्टि करती है कि हमें अपने कार्य का घंटे संतुलित करने की जरूरत है। यह जरूरी है कि हम अपने मानसिक स्वास्थ्य की चिंता करें और कार्य-life संतुलन बनाएं। यदि हम अपने काम को सही तरीके से प्रबंधित नहीं करते, तो न केवल अपने जीवन की गुणवत्ता को खराब करते हैं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

कम शब्दों में कहें तो, लंबे काम के घंटे मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं और इसके लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया avpganga.com पर जाएं।

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