FY25 में खुले 84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट, इन दो ब्रोकरेज कंपनियों का रहा दबदबा

एंजल वन ने वित्त वर्ष 2024-25 में 14.6 लाख खाते जोड़े, जो एनएसई की कुल वृद्धि का 17.38% है, और इसकी बाज़ार हिस्सेदारी 15.38% है। वहीं, जीरोधा ने 5.8 लाख नए खाते जोड़े और एनएसई की वृद्धि में लगभग 7% का योगदान दिया।

Apr 21, 2025 - 03:33
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FY25 में खुले 84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट, इन दो ब्रोकरेज कंपनियों का रहा दबदबा
FY25 में खुले 84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट, इन दो ब्रोकरेज कंपनियों का रहा दबदबा

FY25 में खुले 84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट, इन दो ब्रोकरेज कंपनियों का रहा दबदबा

AVP Ganga द्वारा प्रस्तुत

लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

भारत के वित्तीय बाजार में पिछले कुछ समय से तेजी आई है, जिससे नए निवेशकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। FY25 (2024-25) में, देश में 84 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खोले गए हैं। यह आंकड़ा न केवल भारत की आर्थिक वृद्धि को दर्शाता है, बल्कि यह निवेशकों के बीच बढ़ती जागरूकता और वित्तीय साक्षरता को भी प्रतिबिंबित करता है।

नए डीमैट अकाउंट का महत्व

डीमैट अकाउंट उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं। इस अकाउंट की सहायता से निवेशक शेयरों की खरीद-फरोख्त बिना किसी भौतिक कागज़ी कार्रवाई के कर सकते हैं। नए खाता धारकों में युवा और पहली बार निवेश करने वाले लोग शामिल हैं, जो बाजार के प्रति उत्सुकता रखते हैं।

बड़े ब्रोकरेज कंपनियों का दबदबा

हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में नए डीमैट अकाउंट खोलने वाली प्रमुख ब्रोकरेज कंपनियां ज़ेरोधा और एहसान ट्रेडिंग रही हैं। ज़ेरोधा ने इस साल अकेले लगभग 35 लाख नए डीमैट अकाउंट खोले हैं, जबकि एहसान ट्रेडिंग ने 30 लाख अकाउंट खोले हैं। इन दोनों कंपनियों की सरल उपयोगकर्ता इंटरफेस और कम शुल्क संरचना ने उन्हें निवेशकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है।

आगे क्या उम्मीद करें?

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में और भी नए निवेशक बाजार में शामिल होंगे। वित्तीय एल्टीमेट के प्रमुख, विक्रम जैन का कहना है, "जैसे-जैसे डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम बढ़ रहा है, वैसे-वैसे निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। नई तकनीकें और मोबाइल प्लेटफॉर्म भी इस प्रवृत्ति में योगदान कर रहे हैं।"

निष्कर्ष

FY25 में नए डीमैट अकाउंटों की संख्या का बढ़ना यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशकों में शेयर बाजार के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। ज़ेरोधा और एहसान ट्रेडिंग जैसे ब्रोकरेज कंपनियों के माध्यम से युवा निवेशक अब पहले से कहीं अधिक सक्रिय हो गए हैं। इस बढ़ती प्रवृत्ति के साथ ही, निवेशकों को अपने समझदारी भरे निर्णय लेने पर ध्यान देना आवश्यक है।

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