India TV Speed News Wellness Conclave: बच्चे भी होने लगे हैं पैनिक अटैक का शिकार, एक्सपर्ट से जानें कैसे कम होगी बच्चों की घबराहट?

आजकल बच्चे भी पैनिक अटैक का शिकार होने लगे हैं। यह आमतौर पर किशोरावस्था में शुरू होता है। अगर इसका इलाज न हो, तो भविष्य में गंभीर अवसाद और आत्मघाती व्यवहार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

Mar 31, 2025 - 02:33
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India TV Speed News Wellness Conclave: बच्चे भी होने लगे हैं पैनिक अटैक का शिकार, एक्सपर्ट से जानें कैसे कम होगी बच्चों की घबराहट?
India TV Speed News Wellness Conclave: बच्चे भी होने लगे हैं पैनिक अटैक का शिकार, एक्सपर्ट से जानें कैसे कम होगी बच्चों की

India TV Speed News Wellness Conclave: बच्चे भी होने लगे हैं पैनिक अटैक का शिकार, एक्सपर्ट से जानें कैसे कम होगी बच्चों की घबराहट?

AVP Ganga

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेता, नेटानागरी

बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ता मामला चिंताजनक है। हाल ही में आयोजित इंडिया टीवी स्पीड न्यूज वेलनेस कॉन्क्लेव में विशेष रूप से इस मुद्दे पर चर्चा की गई कि कैसे बच्चे भी अब पैनिक अटैक का शिकार हो रहे हैं।

पैनिक अटैक क्या है?

पैनिक अटैक एक अचानक और बिना किसी चेतावनी के होने वाला मानसिक स्वास्थ्य संकट है, जो व्यक्ति को अत्यधिक चिंता और डर से भर देता है। बच्चों में भी यह समस्या गंभीरता से बढ़ रही है, जिससे उनके जीवन में अत्यधिक घबराहट और तनाव उत्पन्न हो रहा है।

क्या हैं कारण?

बच्चों के पैनिक अटैक का कारण कई हो सकते हैं, जैसे:

  • शिक्षा का बढ़ता दबाव
  • पारिवारिक तनाव
  • सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव

एक्सपर्ट की सलाह

वेलनेस कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने इस विषय पर गहन चर्चा की। प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. मीरा शर्मा ने बताया, "बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य किसी भी वक्तविहीन स्थिति में प्रभावित हो सकता है। उन्हें सहारा और समर्थन की जरूरत है।" उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए:

  1. ध्यान और योगाभ्यास: बच्चों को ध्यान लगाने और योग करने की आदत डालें।
  2. खुले संवाद: बच्चों के साथ अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बात करें।
  3. समय प्रबंधन: बच्चों को प्रॉजेक्ट और पढ़ाई का सही समय प्रबंधन सिखाएं।

प्रभावी उपाय और रणनीतियाँ

बच्चों की घबराहट को कम करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:

  • शारीरिक गतिविधियाँ: खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियाँ बच्चों को बहुत मदद कर सकती हैं।
  • परिवार का सupport: परिवार का सहारा और खुला वातावरण उन्हें सुरक्षा की भावना देता है।
  • पॉजिटिव संवाद: बच्चों को सकारात्मकता की ओर प्रेरित करें, उन्हें समझाएं कि हर समस्या का समाधान है।

निष्कर्ष

बच्चों में पैनिक अटैक की समस्या चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यदि सही तरीके से स्थिति का सामना किया जाए तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इंडिया टीवी स्पीड न्यूज वेलनेस कॉन्क्लेव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करते रहना कितना महत्वपूर्ण है। अधिक अपडेट के लिए, avpganga.com पर जाएं।

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