Loan लेने वाले व्यक्ति की मौत हो जाए तो किससे वसूली करेगा बैंक, किसे भरना होगा पैसे
नियमों के मुताबिक, अगर लोन लेने के बाद किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो बैंक सबसे पहले उस लोन के को-ऐप्लिकैंट को कॉन्टैक्ट करते हैं। ऐसे मामले में अगर कोई को-ऐप्लिकैंट ही नहीं है या फिर को-ऐप्लिकैंट लोन की भरपाई के लिए असमर्थ है तो फिर बैंक गारंटर से संपर्क करते हैं।

Loan लेने वाले व्यक्ति की मौत हो जाए तो किससे वसूली करेगा बैंक, किसे भरना होगा पैसे
AVP Ganga
भारत में जब कोई व्यक्ति ऋण लेता है, तो उसके वापस न करने की स्थिति में बैंक को वसूली करने का अधिकार होता है। लेकिन क्या होगा जब ऋण लेने वाला व्यक्ति अचानक निधन हो जाए? ये सवाल न केवल ऋण धारक बल्कि उनके परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बैंक किनसे वसूली करेगा और मृत व्यक्ति के परिवार को क्या योग्यता एवं जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ सकता है।
ऋण की जिम्मेदारी कौन लेगा?
ऋण संबंधी मामलों में कानूनी दायित्व का निर्धारण ऋण के प्रकार और शर्तों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, अगर कोई व्यक्ति ऋण लेकर निधन हो जाता है, तो बैंक आमतौर पर चार प्रमुख मार्गों पर विचार कर सकती है:
- ऋण की बीमा पॉलिसी
- संपत्ति जायदाद से वसूली
- समान्य वारिस पर वसूली
- गैर-संविधानिक ऋण संबंध
ऋण की बीमा पॉलिसी
अधिकतर ऋण लेने वाले व्यक्ति बीमा पॉलिसी का उपयोग करते हैं, जिसमें उनके निधन पर ऋण राशि का निपटारा किया जा सकता है। बैंक इस पॉलिसी से क्लेम कर सकती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हर ऋण धारक अपने लिए सही बीमा योजना का चयन करें।
संपत्ति जायदाद से वसूली
अगर ऋण धारक की मृत्यु होती है और उसके पास कोई संपत्ति होती है, तो बैंक संपत्ति का विधिक तरीके से निपटारा कर सकती है। ये संपत्तियाँ जैसे घर, गाड़ी, या अन्य मूल्यवान सामान बैंक की वसूली में सहायता कर सकते हैं।
समान्य वारिस पर वसूली
अगर ऋण की राशि काफी अधिक है और कोई बीमा नहीं है, तो बैंक आमतौर पर मृत व्यक्ति के वारिसों से ऋण की वसूली कर सकती है। इस स्थिति में वारिस को यह सुनिश्चित करना होता है कि वह मृत व्यक्ति की संपत्ति और ऋण का सही तरीके से निपटारा कर रहे हैं।
गैर-संविधानिक ऋण संबंध
कुछ मामलों में यदि ऋण लेने वाला व्यक्ति अवैध तरीके से ऋण ले रहा था, तो बैंक को इसे निपटाने में कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में, वसीयत और अन्य कानूनी दस्तावेजों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
निष्कर्ष
इसलिए जब कोई व्यक्ति ऋण लेने के बाद निधन हो जाता है, तो इससे जुड़ी कुछ जटिलताएँ होती हैं। परिवार को यह जानना आवश्यक है कि उन्हें क्या करना चाहिए और किससे संपर्क करना चाहिए। इस स्थिति में उचित कानूनी सलाह लेना बेहतर रहेगा।
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