Mauni Amavasya Amrit Snan Live: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्रान शुरू, करोड़ों भक्त पहुंचे हैं प्रयागराज

Mauni Amavasya Amrit Snan: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान आज मौनी अमावस्या के दिन है। आज करोड़ों भक्त त्रिवेणी घाट में डुबकी लगाएंगे।

Jan 29, 2025 - 05:33
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Mauni Amavasya Amrit Snan Live: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्रान शुरू, करोड़ों भक्त पहुंचे हैं प्रयागराज
Mauni Amavasya Amrit Snan Live: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्रान शुरू, करोड़ों भक्त पहुंचे हैं प्रयागराज

Mauni Amavasya Amrit Snan Live: महाकुंभ का दूसरा अमृत स्रान शुरू, करोड़ों भक्त पहुंचे हैं प्रयागराज

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लेखिका: सिमी रॉय
टीम: नेटानगारी

परिचय

प्रयागराज में महाकुंभ के महोत्सव का उत्साह अपने चरम पर है। माघ महीने की सोमवारी, अर्थात् "मौनी अमावस्या" के दिन, करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आकर अमृत स्नान किया। यह दिन विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में अहमियत रखता है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ की यह धारणा है कि यदि कोई श्रद्धालु संगम में स्नान करता है, तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है। इस बार महाकुंभ में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जो इसे भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बनाता है। सामूहिक स्नान की रक्षा के लिए भारत सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी व्यवस्था की है।

करोड़ों भक्तों की भीड़

मौनी अमावस्या के दिन, जब सूरज उगता है, तब श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और संगम के तट पर पहुंचते हैं। लाखों भक्तों ने यहां आकर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान किया। भक्तों का यह दृश्यमान जीवन, उनकी भक्ति और आस्था की एक अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है।

सरकारी तैयारी और सुरक्षा

प्रयागराज प्रशासन ने इस विशाल आयोजन की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए हैं। मेडिकल सहायता, जल आपूर्ति, और दिशा-निर्देश के लिए हजारों स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं। पुलिस ने भीड़ प्रबंधन के लिए कई रणनीतियाँ बनाईं हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित और सुखद ढंग से स्नान कर सकें।

धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम

मौनी अमावस्या के दिन धार्मिक अनुष्ठान और पूजा अर्चना की जाती है। विभिन्न आश्रमों और मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएँ आयोजित की जा रही हैं। ये अनुष्ठान न केवल व्यक्तिगत मोक्ष के लिए, बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए समर्पित हैं। हर ओर भक्ति और सुमधुर भजनों का माहौल है।

निष्कर्ष

महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मौनी अमावस्या का अमृत स्नान निश्चित रूप से हर भक्त के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा। यह दिन प्रत्येक श्रद्धालु को अपने भीतर की शक्ति और शांति का अनुभव कराता है।
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