Nepal Violence: पूर्व पीएम प्रचंड का बड़ा बयान, कहा-"नेपालियों के उदारवादी दृष्टिकोण को कमजोरी न समझें राजतंत्रवादी"

नेपाल में राजतंत्रवादियों ने नया बनेश्वर इलाके में सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के कार्यालय में तोड़फोड़ की। इससे पहले, उन्होंने टिंकुने इलाके में एक घर में आग लगा दी। नेपाल हिंसा में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

Mar 29, 2025 - 04:33
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Nepal Violence: पूर्व पीएम प्रचंड का बड़ा बयान, कहा-"नेपालियों के उदारवादी दृष्टिकोण को कमजोरी न समझें राजतंत्रवादी"
Nepal Violence: पूर्व पीएम प्रचंड का बड़ा बयान, कहा-"नेपालियों के उदारवादी दृष्टिकोण को कमजोरी न समझें राजत

Nepal Violence: पूर्व पीएम प्रचंड का बड़ा बयान, कहा-"नेपालियों के उदारवादी दृष्टिकोण को कमजोरी न समझें राजतंत्रवादी"

सारांश

नेपाल में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल “प्रचंड” ने चेतावनी जारी की है कि नेपालियों का उदारवादी दृष्टिकोण उनकी कमजोरी नहीं है। यह बयान उन्होंने हालिया घटनाक्रमों के संदर्भ में दिया है।

बैकग्राउंड

नेपाल में पिछले कुछ समय से राजनीतिक स्थिति काफी तनावपूर्ण हो चुकी है। विभिन्न वर्गों और राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती असहमति के कारण देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। इसी बीच, पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब नेपाल के नारे "संगठित हो, एकजुट हो!" सुनाई दे रहे हैं, ऐसे में किसी को भी नेपालियों की उदारता को कमजोरी नहीं समझना चाहिए।

प्रचंड का बयान

प्रचंड ने कहा, "नेपाल की राजनीतिक स्थिति बहुत ही संवेदनशील है और हमें एकजुट रहना होगा। यदि हम राजतंत्र की ओर लौटते हैं, तो इसका प्रभाव हमारे लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों पर पड़ेगा। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे अपनी-अपनी राजनीतिक इच्छाओं के लिए नेपाल की एकता को खतरे में न डालें।"

राजतंत्रवादी और लोकतंत्र के बीच संघर्ष

प्रचंड ने स्पष्ट किया कि राजतंत्रवादी ताकतें अभी भी सक्रिय हैं और वे नेपाल में किसी भी तरह से लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल के लोग जानते हैं कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

पत्रकारों और नागरिकों की प्रतिक्रिया

प्रचंड के बयान के बाद, पत्रकारों और नागरिकों ने इसकी सराहना की है। लोग इसे सकारात्मक दृष्टिकोण मानते हैं और आशा व्यक्त करते हैं कि यह बयान देश में सांस्कृतिक एवं राजनीतिक सामंजस्य को बढ़ावा देगा। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, "यह समय है कि हम एकजुट होकर अपने लोकतंत्र की रक्षा करें और संघर्षरत युवाओं के लिए एक स्थिर भविष्य सुनिश्चित करें।"

निष्कर्ष

नेपाल की स्थिति अभी भी नाजुक है, लेकिन पूर्व पीएम प्रचंड के इस बयान ने एक नई ऊर्जा का संचार किया है। इसे एक सकारात्मक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है जो राजतंत्रवादी ताकतों के खिलाफ एक मजबूत जवाब के रूप में उभरा है। नेपालियों की एकता उनकी शक्ति है, और यदि वे इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हैं, तो वे किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

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