The Filmy Hustle Exclusive: बॉलीवुड फिल्मों का क्रेज क्यों पड़ रहा फीका? विषेक चौहान ने बताई वजह

The Filmy Hustle Exclusive: इंडिया टीवी के 'द फिल्मी हसल' पॉडकास्ट में बिहार में रूपबनी सिनेमा के सीईओ विषेक चौहान ने बॉलीवुड फिल्मों के कम होते क्रेज और इसके पीछे की वजह के बारे में खुलकर चर्चा की और बताया कि कैसे पिछले 15-20 सालों में हिंदी सिनेमा में बदलाव आए हैं।

Apr 20, 2025 - 12:33
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The Filmy Hustle Exclusive: बॉलीवुड फिल्मों का क्रेज क्यों पड़ रहा फीका? विषेक चौहान ने बताई वजह
The Filmy Hustle Exclusive: बॉलीवुड फिल्मों का क्रेज क्यों पड़ रहा फीका? विषेक चौहान ने बताई वजह

The Filmy Hustle Exclusive: बॉलीवुड फिल्मों का क्रेज क्यों पड़ रहा फीका? विषेक चौहान ने बताई वजह

टैगलाइन: AVP Ganga

लेखिका: सुमित्रा वर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

बॉलीवुड का जादू हमेशा से ही फिल्म प्रेमियों के दिलों पर छाया रहा है। हालाँकि, हाल के समय में, कुछ बॉलीवुड फिल्मों को लेकर दर्शकों का उत्साह कम होता जा रहा है। इस बदलाव की मूल वजहों को समझने के लिए हमने फिल्म विश्लेषक विषेक चौहान से बातचीत की। आइए जानते हैं कि इस बदलाव के पीछे क्या कारण हैं।

बॉलीवुड में गिरता क्रेज

बॉलीवुड फिल्मों का क्रेज पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रभावित हुआ है। विषेक चौहान के अनुसार, यह मुख्य रूप से तीन वजहों से हो रहा है:

1. गुणवत्ता की कमी

विषेक कहते हैं कि कई फिल्में अब गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतर रहीं। पटकथा में गहराई की कमी और किरदारों का कमजोर विकास दर्शकों को निराश कर रहा है। अक्सर हमें एक ही कहानी को अलग-अलग तरीकों से प्रस्तुत किया जा रहा है, जो अंततः दर्शकों की रूचि को कम कर रहा है।

2. ओटीटी का उदय

आजकल ओवर-टॉप प्लेटफार्मों (OTT) का तेजी से बढ़ता हुआ उपयोग भी बड़े पर्दे की लोकप्रियता को प्रभावित कर रहा है। लोग घर पर बैठकर अपनी पसंदीदा फिल्में देखने लगे हैं, जिससे सिनेमा हॉल में भीड़ कम हो रही है। विषेक का मानना है कि असली प्रतिस्पर्धा अब डिजिटल प्लेटफार्मों से हो रही है।

3. विविधता की कमी

बॉलीवुड में फिल्मों की कहानी और विषयों में विविधता की कमी है। लोग अब कुछ नया देखने के इच्छुक हैं, लेकिन अक्सर उन्हें वही पुराने विषयों पर आधारित फिल्में मिलती हैं। विकासशील तकनीक और दर्शकों की बदलती प्राथमिकताएँ फिल्म निर्माताओं को नए और अद्वितीय विषयों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।

अभिभावक की भूमिका

विषेक ने यह भी उल्लेख किया कि माता-पिता का फिल्मों के प्रति दृष्टिकोण बच्चों पर महत्वपूर्ण असर डालता है। अगर माता-पिता अच्छे कंटेंट की सराहना नहीं करेंगे, तो बच्चे भी छोटी-छोटी चीजों में मन लगा कर नहीं रखेंगे।

निष्कर्ष

संक्षेप में कहा जाए तो बॉलीवुड का क्रेज फीका पड़ना एक जटिल समस्या है, जिसका समाधान रचनात्मकता और गुणवत्ता में सुधार लाने से ही हो सकता है। विषेक चौहान का मानना है कि अगर फिल्म निर्माता विविधता और गुणवत्ता पर ध्यान दें, तो दर्शकों का विश्वास वापस जीता जा सकता है।

फिल्म उद्योग में हो रहे इन बदलावों के बारे में जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट avpganga.com पर जा सकते हैं।

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