'कुंभ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं हमारे बब्बा की है', मौलाना रजवी को बाबा बागेश्वर का जवाब
कुछ दिन पहले मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरवेली ने कहा था कि जिस जमीन पर महाकुंभ मेला क्षेत्र बनाया गया है, उसका कुछ हिस्सा वक्फ बोर्ड का है। इस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कुंभ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं बल्कि हमारे बब्बा की है।
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कुंभ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं हमारे बब्बा की है, मौलाना रजवी को बाबा बागेश्वर का जवाब
AVP Ganga
लेखिका: दीक्षा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हालही में बाबा बागेश्वर ने मौलाना रजवी के द्वारा किए गए एक विवादित बयान का जवाब दिया है। उनके इस जवाब ने धार्मिक और सामाजिक समुदायों में हलचल पैदा कर दी है। जानिए इस विवाद का पूरा सच और इसके पीछे की बातें।
मौलाना रजवी का विवादित बयान
मौलाना रजवी ने कुछ समय पहले कुंभ मेले की भूमि को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यह जमीन किसी के "अब्बा" की नहीं है, बल्कि बाबा बागेश्वर के लिए यह जमीन महत्वपूर्ण है। इस बयान को लेकर अनेक प्रतिक्रियाएँ आई हैं, खासकर धार्मिक आस्था को लेकर।
बाबा बागेश्वर का जवाब
बाबा बागेश्वर ने मौलाना के बयान का तेजी से जवाब देते हुए कहा, "कुंभ की जमीन हमारे बब्बा की है। यह धरती साक्षात भगवान का निवास है, और हम सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।" उनकी इस प्रतिक्रिया ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि धर्म से जुड़े मामलों में विवाद कैसे उत्पन्न होते हैं।
समाज पर प्रभाव
इस विवाद ने समाज में धार्मिक एकता को प्रभावित किया है। जबकि कुछ लोग समर्थन में खड़े हैं, वहीं कुछ लोग इस विवाद को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यह इस बात का संकेत है कि समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता कितनी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
सभी धार्मिक समुदायों को एकसाथ बैठकर समझना चाहिए कि कुंभ मेले की भूमि का मुद्दा केवल जमीन का नहीं, बल्कि आस्था से जुड़ा है। समाज में सौहार्द बनाए रखना और एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है। बाबा बागेश्वर और मौलाना रजवी के बीच का यह संवाद हमें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाता है।
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Keywords
Kumbh Mela, Baba Bagheeshwar, Maulana Rajvi, religious sentiments, social harmony, Indian culture, cultural sensitivity, religious dialogue, spiritual leaders, faith issues.What's Your Reaction?
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