'गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया', नितिन गडकरी के बेबाक बोल

उन्होंने कहा, ‘‘समाज का परिवर्तन समाचार पत्रों और मीडिया सहित सभी की जिम्मेदारी है। अच्छी चीजों को समाज के सामने लाया जाना चाहिए, साथ ही जो गलत है उसके बारे में जागरूकता भी होनी चाहिए।’’

Mar 24, 2025 - 04:33
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'गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया', नितिन गडकरी के बेबाक बोल
'गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया', नितिन गडकरी के बेबाक बोल

गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया, नितिन गडकरी के बेबाक बोल

AVP Ganga

लेखिका: सुमन शर्मा, टीम नीतानागरी

परिचय

भारत के सड़कों, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में मीडिया के प्रति अपनी बेबाक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अगर उनके मंत्रालय से किसी प्रकार की गलती सामने आती है तो मीडिया को उस पर कठोर कार्रवाई करने का अधिकार है। यह बयान एक ऐसे समय आया है जब काफी संख्या में लोग सार्वजनिक योजनाओं के संबंध में सवाल खड़े कर रहे हैं।

गरज और उद्देश्य

गडकरी का यह बयान मीडिया और सरकारी अधिकारियों के बीच संबंधों पर एक नई बहस छेड़ता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार खुलेपन और पारदर्शिता में विश्वास करती है। उनका विश्वास है कि किसी भी गलती की पहचान होना जरूरी है ताकि सुधार के लिए कदम उठाए जा सकें।

मीडिया की भूमिका

गडकरी ने कहा, "मीडिया का कर्तव्य है कि वह हमें जवाबदेह बनाए। अगर हम गलत हैं, तो हमें मीडिया दंडित करे।" यह विचार निश्चित रूप से मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है, जहां उसे न केवल प्रशंसा मिली है बल्कि उसके आलोचना की क्षमता भी महत्वपूर्ण है। गडकरी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें मीडिया की स्वतंत्रता और उसकी जिम्मेदारी का पूरी तरह से अहसास है।

सरकारी जवाबदेही

गडकरी ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार को अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों को सही तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके मंत्रालय के कार्यों की निरंतर निगरानी की जाएगी, जिससे जनहित में काम करने की दिशा में और तेजी आएगी। उनके अनुसार, जब मीडिया सही सवाल उठाता है, तो प्रशासन को परिश्रमी और उत्तरदायी होना पड़ता है।

निष्कर्ष

इस तरह के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि नितिन गडकरी की सोच में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व प्रबल है। उनके इस दृष्टिकोण से यह आशा की जा सकती है कि सरकारी अधिकारी और जनता के बीच का संबंध और अधिक मजबूत होगा। साथ ही, गडकरी का यह सन्देश हर मंत्रालय के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे उन्हें मीडिया की भूमिका का सम्मान करते हुए अपनी कार्यशैली को सुधारना चाहिए।

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