गुरु रंधावा ने त्रिवेणी संगम में लगाई आस्था डुबकी, महाकुंभ 2025 का दिखाया खूबसूरत नजारा

मशहूर सिंगर गुरु रंधावा ने हाल ही में महाकुंभ 2025 मेले का दौरा किया और प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। गुरु रंधावा ने महाकुंभ में गंगा स्नान कर अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत करते हुए कुछ खूबसूरत झलकियां भी शेयर की है।

Jan 25, 2025 - 17:33
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गुरु रंधावा ने त्रिवेणी संगम में लगाई आस्था डुबकी, महाकुंभ 2025 का दिखाया खूबसूरत नजारा
गुरु रंधावा ने त्रिवेणी संगम में लगाई आस्था डुबकी, महाकुंभ 2025 का दिखाया खूबसूरत नजारा

गुरु रंधावा ने त्रिवेणी संगम में लगाई आस्था डुबकी, महाकुंभ 2025 का दिखाया खूबसूरत नजारा

AVP Ganga

लेखिका: सिमा मेहता, टीम नेटानागरी

परिचय

हाल ही में प्रसिद्ध पंजाबी गायक गुरु रंधावा ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ 2025 का खूबसूरत नजारा भी साझा किया। गुरु रंधावा की यह यात्रा न केवल उनके फैंस के लिए बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रति बहुत से लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

आस्था की डुबकी का महत्व

त्रिवेणी संगम, जो कि गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन स्थल के रूप में जाना जाता है, भारतीय धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ आस्था की डुबकी लगाने का अपना एक विशेष महत्व है। यह स्थान मुख्य तौर पर स्नान और साधना के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ भक्त अपने पापों का प्राश्चित करने के लिए आते हैं। गुरु रंधावा ने यहाँ आस्था में डुबकी लगाकर इसकी पवित्रता और महत्ता को ही नहीं, बल्कि अपने प्रशंसकों को भी प्रेरित किया।

महाकुंभ 2025 का खूबसूरत नजारा

गुरु रंधावा ने महाकुंभ 2025 से संबंधित कुछ अद्भुत दृश्यों को अपने फैंस के साथ साझा किया। इन तस्वीरों में त्रिवेणी संगम का सुंदर नजारा दिखाई दे रहा है, जिसमें भक्तजन अपने परिवार के साथ आस्था की डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं। महाकुंभ एक ऐसा पर्व है जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और यह पूरे भारत के साथ-साथ विदेशों से भी हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

गुरु रंधावा का संदेश

इस अवसर पर गुरु रंधावा ने सामाजिक सन्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि धर्म और आस्था हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल हमारी संस्कृति को संरक्षित करने में मदद मिलती है, बल्कि यह समाज को एक साथ लाने का कार्य भी करते हैं। उन्होंने अपने फैंस से भी अपील की कि वे ऐसी सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपनी धार्मिक भावना को प्रकट करें।

निष्कर्ष

गुरु रंधावा की इस यात्रा ने धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रमोट किया है। त्रिवेणी संगम में उनकी डुबकी ने न केवल उनके फैंस को बल्कि सभी श्रद्धालुओं को एक नई प्रेरणा दी है। ऐसे आयोजनों से हमारी संस्कृति की नैतिकता और धार्मिकता को बढ़ावा मिलता है। महाकुंभ 2025 का यह नजारा निश्चित रूप से सभी के दिलों में एक सुखद स्मृति के रूप में अंकित रहेगा।

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