छात्र महासंघ चुनाव में पांचों सीटों पर एबीवीपी का कब्जा, कोटद्वार के अमित काला बने अध्यक्ष
दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून ऋषिकेश:करीब 48 महाविद्यालयों के विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों ने छात्र महासंघ में मतदान किया। पं. ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में छात्र… The post छात्र महासंघ चुनाव में पांचों सीटों पर एबीवीपी का कब्जा, कोटद्वार के अमित काला बने अध्यक्ष first appeared on .

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देहरादून: छात्र महासंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पांचों महत्वपूर्ण सीटों पर जीत हासिल कर ली है। इस चुनाव में कोटद्वार के अमित काला को अध्यक्ष चुना गया, जिन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को बड़ी संख्या में वोटों से हराया। यह चुनाव पं. ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ, जहाँ लगभग 48 महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने मतदान किया।
चुनाव की प्रक्रिया
चुनाव में विभिन्न पदों के लिए अनेक उम्मीदवारों ने नामांकन कराया था। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी से अमित काला और एनएसयूआई के मोहित कुमार जेठवान ने अपनी किस्मत आजमाई। अन्य पदों पर भी एबीवीपी के सभी प्रत्याशियों ने गोलियां फेंकी, जिससे पार्टी ने अपनी स्थिति मज़बूत की।
अमित काला की जीत
अमित काला ने अध्यक्ष पद पर 33 वोट प्राप्त किए, जबकि उनके प्रतिद्वंदी मोहित कुमार जेठवान को केवल 12 वोट मिले। उल्लेखनीय है कि अमित ने अपने प्रतिद्वंदी को 21 वोटों के अंतर से हराया। इस चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर भी एबीवीपी की अनीता भंडारी ने 34 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की।
अन्य पदों के लिए चुनाव परिणाम
महासचिव पद पर एबीवीपी के आदित्य भंडारी ने 35 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि एनएसयूआई के सुनील सिंह को मात्र चार वोट मिले। सचिव पद पर एबीवीपी के अभिषेक को निर्विरोध चुना गया। इसी तरह कोषाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के आर्यन ने 35 वोट लेकर अपनी जीत का परचम लहराया।
चुनाव के महत्वपूर्ण तथ्य
इस चुनाव की मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. वीके गुप्ता ने बताया कि यह छात्र महासंघ चुनाव न केवल एबीवीपी बल्कि विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है। मतदान प्रक्रिया का सफल सञ्चालन, जिसमें 48 महाविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया, चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता का प्रतीक है।
निष्कर्ष
छात्र महासंघ चुनाव में एबीवीपी की जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्र समुदाय में इस पार्टी के प्रति समर्थन और विश्वास बहुत मजबूत है। चुनाव में दिखाई गई एकता और सफलता ने आगामी दिनों के लिए एबीवीपी को एक नई दिशा दिखाई है। आने वाले वक्त में यह देखना होगा कि नये चुने गए सदस्य छात्रों के हितों के लिए कौन-से महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।
सम्पूर्ण चुनाव को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि एबीवीपी ने अपनी रणनीति से एक बार फिर साबित किया है कि वह छात्रों के मुद्दों को गंभीरता से लेती है। छात्रों की आवाज को सुने जाने की आवश्यकता है और उम्मीद की जाती है कि नव निर्वाचित प्रतिनिधि इस दिशा में निरंतर प्रयास करेंगे।
कैसे और क्या बदल सकता है यह छात्र महासंघ, इसके लिए हमें थोड़ी और प्रतीक्षा करनी होगी। भविष्य में होने वाले कार्यों और नीतियों पर नज़र रखना आवश्यक है। छात्र समुदाय की खुशहाली के लिए यह चुनाव एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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