डीप फेक और डिजिटल अरेस्ट आज सबसे बड़ी चुनौती: रजत शर्मा
इडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा कि समाज को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है, यह चुनौती पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
डीप फेक और डिजिटल अरेस्ट आज सबसे बड़ी चुनौती: रजत शर्मा
आज की डिजिटल दुनिया में तकनीकी विकास ने कई सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं, लेकिन इसके साथ ही नए खतरे भी पैदा हुए हैं। डीप फेक तकनीक, जो वास्तविकता को फैक्शन में ढालने में सक्षम है, अब एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। रजत शर्मा, एक प्रमुख मीडिया व्यक्तित्व, ने हाल ही में इस विषय पर अपने विचार साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे ये तकनीकें समाज में दुष्प्रभाव डाल सकती हैं।
डीप फेक तकनीक का प्रभाव
डीप फेक ऐसी तकनीक है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके किसी व्यक्ति के चेहरे को दूसरे व्यक्ति के चेहरे में बदल सकती है। इसका उपयोग गलत सूचना फैलाने में किया जा सकता है, जिससे लोग भ्रमित हो सकते हैं। रजत शर्मा के अनुसार, यह तकनीक न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी प्रभावित कर सकती है।
डिजिटल अरेस्ट की आवश्यकता
श्री शर्मा ने यह भी कहा कि आज के समय में 'डिजिटल अरेस्ट' की आवश्यकता बढ़ गई है। इसमें उन लोगों को रोकने के लिए उपाय शामिल हैं जो इस तकनीक का दुरुपयोग कर सकते हैं। इसके लिए प्रभावी कानून और नीति बनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस दिशा में सरकार और संबंधित एजेंसियों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
समाज में जागरूकता का बढ़ना
रजत शर्मा ने समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जब लोग इस विषय के प्रति जागरूक होंगे, तो वे अधिक सावधानी बरतेंगे और डीप फेक के दुष्प्रभावों से खुद को बचा सकेंगे। मीडिया का भी महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि वह इस मुद्दे पर सही जानकारी और संवाद प्रस्तुत करे।
इस प्रकार, डीप फेक और डिजिटल अरेस्ट आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं। हमें इस पर ध्यान देने और सक्रिय रूप से उपाय करने की आवश्यकता है।
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